जमशेदपुर: जमशेदपुर के टाटा स्टील जूलॉजिकल पार्क में ब्लैकबक की रहस्यमयी मौतों ने गंभीर चिंता पैदा कर दी है. छह दिनों के भीतर दस ब्लैकबक की मौत होने से वन्यजीव विशेषज्ञ और जू प्रबंधन अलर्ट पर आ गए हैं. एक दिसंबर से छह दिसंबर के बीच हुई इन मौतों के बाद जांच तेज कर दी गई है और आशंका जताई जा रही है कि किसी तेजी से फैलने वाले संक्रमण के कारण यह हालात बने हैं.
शनिवार को एक और ब्लैकबक की मौत दर्ज की गई, जिसके साथ मृतकों की कुल संख्या दस हो गई. जू के डिप्टी डायरेक्टर डॉ. नईम अख्तर के अनुसार ब्लैकबक की पहली मौत 1 दिसंबर को दर्ज हुई थी. उस समय जू में कुल 18 ब्लैकबक मौजूद थे, लेकिन लगातार मौतों के बाद अब सिर्फ आठ जीवित बचे हैं. इन सभी को चिकित्सकीय निगरानी में रखा गया है और उनकी सेहत पर 24 घंटे नजर रखी जा रही है.
जू प्रशासन ने सभी ब्लैकबक को विशेष आइसोलेशन में रखा है ताकि किसी संभावित संक्रमण को फैलने से रोका जा सके. प्रारंभिक जांच में पता चला है कि यह बीमारी हवा के जरिए फैल सकती है, जिससे इसकी गंभीरता और बढ़ जाती है. जू प्रशासन को आशंका है कि यदि संक्रमण की पुष्टि हो गई तो यह अन्य प्रजातियों के लिए भी खतरा बन सकता है. इसी वजह से जू स्टाफ को हाई अलर्ट पर रखा गया है और उन्हें कड़े हाइजीन प्रोटोकॉल का पालन करने के निर्देश दिए गए हैं.
इसके तहत स्टाफ की मूवमेंट सीमित कर दी गई है और संवेदनशील प्रजातियों को अलग रखने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है. मौतों के कारणों का पता लगाने के लिए मृत ब्लैकबक के नमूने रांची और ओडिशा की विशेष प्रयोगशालाओं में भेजे गए हैं. वहीं यह जांच की जा रही है कि यह संक्रमण वायरल है, बैक्टीरियल है या किसी अन्य पर्यावरणीय कारक से जुड़ा हुआ है.
रिपोर्ट मिलने के बाद ही वास्तविक कारण स्पष्ट हो पाएगा. तब तक जू प्रबंधन ने ब्लैकबक एनक्लोजर में मॉनिटरिंग बढ़ा दी है और लगातार सैनिटाइजेशन किया जा रहा है. इन अचानक हुई मौतों के बाद जू के सुरक्षित वातावरण पर भी सवाल खड़े हो गए हैं. जू के अधिकारी स्थिति पर करीबी नजर रख रहे हैं और आगे की कार्रवाई लैब रिपोर्ट आने के बाद तय की जाएगी.