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India Daily

धनबाद में बड़ा खुलासा, ATS ने पकड़ा कट्टरपंथी अम्मार यशार, युवाओं को डार्क वेब से बरगला रहा था; क्या थी साजिश?

पुलिस ने दावा किया है कि यशर, जिसे 2014 में इंडियन मुजाहिदीन से जुड़े आरोपों में गिरफ्तार किया गया था, लगभग एक दशक जेल में रहने के बाद पिछले साल मई में जमानत पर रिहा हुआ था.

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Edited By: Anvi Shukla
Jharkhand ATS Terror Link Case
Courtesy: social media

Jharkhand ATS Terror Link Case: झारखंड की आतंकवाद निरोधी इकाई (ATS) ने हाल ही में राज्य में आतंकी गतिविधियों से जुड़े मॉड्यूल का भंडाफोड़ करने के बाद बुधवार को धनबाद से एक और संदिग्ध को गिरफ्तार किया है. 33 वर्षीय अम्मार यशार को शमशेर नगर इलाके से पकड़ा गया है. उस पर प्रतिबंधित संगठन हिज्ब उत-तहरीर (HuT) से संबंध रखने का आरोप है.

एटीएस ने अम्मार यशार के खिलाफ गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम (UAPA), भारतीय दंड संहिता (IPC) और विस्फोटक अधिनियम की विभिन्न धाराओं में मामला दर्ज किया है. अधिकारियों का कहना है कि गिरफ्तार किए गए चार अन्य आरोपियों से पूछताछ के दौरान यशार का नाम सामने आया था.

2014 में हुई थी गिरफ्तारी

एटीएस सूत्रों के अनुसार, अम्मार यशार को साल 2014 में इंडियन मुजाहिदीन से कथित संबंधों के चलते गिरफ्तार किया गया था. वह लगभग 10 साल तक जेल में बंद रहा और मई 2023 में उसे जमानत मिली थी. एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया, 'यशार का नाम चार अन्य आरोपियों की पूछताछ में सामने आया, जिसके बाद उसकी गतिविधियों पर नजर रखी गई और साक्ष्य मिलने पर उसे हिरासत में लिया गया.'

धनबाद में सक्रिय था नेटवर्क

धनबाद से पहले भी 26 अप्रैल को चार संदिग्धों की गिरफ्तारी हुई थी, जिनका संबंध हिज्ब उत-तहरीर से बताया गया था. इस गिरफ्तारी के बाद से ATS लगातार नेटवर्क को खंगाल रही थी और जांच में सामने आए इनपुट्स के आधार पर यशार को दबोचा गया.

आगे की जांच जारी

फिलहाल एटीएस यशार से पूछताछ कर रही है ताकि नेटवर्क के अन्य सदस्यों और उनके मंसूबों के बारे में जानकारी जुटाई जा सके. जांच एजेंसियां यह भी पता लगाने की कोशिश कर रही हैं कि क्या यशार की रिहाई के बाद उसने फिर से आतंकी संगठनों के साथ संपर्क साधा.