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प्रेम की ऐसी अमिट कहानी, पति के 15 घंटे बाद पत्नी ने भी तोड़ा दम, एक ही चिता पर हुआ अंतिम संस्कार

घटना शनिवार दोपहर की है. लगभग 12 बजे नरेंद्र सिंह को अचानक सीने में असहनीय दर्द हुआ. परिजनों ने तुरंत उन्हें नजदीकी अस्पताल पहुंचाया, लेकिन डॉक्टरों की सारी कोशिशों के बावजूद वे बच न सके. नरेंद्र का निधन शनिवार शाम को हो गया.

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Edited By: Gyanendra Sharma
Kurukshetra
Courtesy: Social Media

Kurukshetra News: कभी-कभी जीवन की सच्ची घटनाएं सिल्वर स्क्रीन की उन भावुक कहानियों को भी पीछे छोड़ देती हैं, जहां प्रेमी-प्रेमिका एक-दूसरे के बिना जी नहीं पाते. हरियाणा के कुरुक्षेत्र जिले के पिहोवा उपमंडल स्थित अरुणाय गांव में ऐसी ही एक मार्मिक घटना ने पूरे इलाके को गम के सैलाब में डुबो दिया है. यहां एक पत्नी ने अपने जीवनसाथी की विदाई के महज 15 घंटे बाद ही दुनिया को अलविदा कह दिया. दोनों का एक साथ एक ही चिता पर अंतिम संस्कार किया गया, जिसकी तस्वीरें देखकर गांववासी आंसुओं से भीग गए. यह दृश्य न केवल परिवार बल्कि पूरे समुदाय के दिलों को चीर गया.

मृतक दंपती की पहचान 45 वर्षीय नरेंद्र सिंह उर्फ बिट्टू और उनकी 40 वर्षीय पत्नी करमजीत कौर के रूप में हुई है. नरेंद्र सिंह गांव के प्रसिद्ध पीर की दरगाह पर समर्पित भाव से सेवा करते थे. वे एक सादगीपूर्ण जीवन जीते थे, जहां उनकी दिनचर्या में भक्ति और परिवार के प्रति निष्ठा ही मुख्य थी. वहीं, करमजीत कौर एक समर्पित गृहिणी थीं, जो घर-परिवार की जिम्मेदारियों को निभाते हुए हमेशा अपने पति का साथ देती रहीं. दोनों का वैवाहिक जीवन प्रेम और विश्वास का प्रतीक था, जो आज इस दुखद घटना के बाद और भी चमकदार लग रहा है.

घटना शनिवार दोपहर की है. लगभग 12 बजे नरेंद्र सिंह को अचानक सीने में असहनीय दर्द हुआ. परिजनों ने तुरंत उन्हें नजदीकी अस्पताल पहुंचाया, लेकिन डॉक्टरों की सारी कोशिशों के बावजूद वे बच न सके. नरेंद्र का निधन शनिवार शाम को हो गया. इस खबर ने पूरे परिवार को स्तब्ध कर दिया. करमजीत कौर, जो अपने पति के साथ हर सुख-दुख में भागीदार रही थीं, इस सदमे को सहन न कर सकीं. रविवार सुबह होते ही उनकी हालत बिगड़ने लगी. वे लगातार पति के नाम का उच्चारण कर रही थीं और कुछ ही घंटों में उन्होंने अंतिम सांस ली. मेडिकल रिपोर्ट्स के अनुसार, करमजीत की मौत हार्ट अटैक से हुई, लेकिन परिजनों का मानना है कि यह पति के खोने का गहरा आघात था, जिसने उन्हें तोड़ दिया.

एक ही चिता पर उनका अंतिम संस्कार

परिवार के सदस्यों ने दोनों के शवों को एक साथ रखा और एक ही चिता पर उनका अंतिम संस्कार किया. यह दृश्य गांव के श्मशान घाट पर देखने लायक था दोनों पति-पत्नी सिरहाने-सिरहाने लेटे हुए, जैसे जीवन भर साथ निभाने की कसम को मृत्यु के बाद भी पूरा कर रहे हों. आसपास खड़े ग्रामीणों की आंखों से आंसू नहीं थम रहे थे. एक बुजुर्ग निवासी ने बताया, "यह देखकर लग रहा था जैसे कोई पुरानी फिल्म का सीन जीवंत हो गया हो. नरेंद्र भाई और बहन करमजीत का प्रेम गांव में मिसाल था." गांव में शोक सभा का आयोजन किया गया, जहां सैकड़ों लोग श्रद्धांजलि अर्पित करने पहुंचे.