हरियाणा, बिहार और UP में NIA की बड़ी कार्रवाई, विस्फोटक तस्करी मामले में 22 ठिकानों पर रेड, दिल्ली ब्लास्ट है कनेक्शन!

एनआईए ने कथित अवैध गोला-बारूद तस्करी मामले की जांच को तेज करते हुए हरियाणा, बिहार और उत्तर प्रदेश में 22 ठिकानों पर छापेमारी की.

ANI
Reepu Kumari

अवैध हथियार और गोला-बारूद के बढ़ते ढांचे को तोड़ने के लिए राष्ट्रीय जांच एजेंसी ने गुरुवार को तीन राज्यों में बड़ी कार्रवाई की. हरियाणा, बिहार और यूपी में एक साथ किए गए छापों ने इस नेटवर्क की गंभीरता और गहरी पैठ को उजागर कर दिया है. एनआईए की टीमें सुबह से ही कई जिलों में फैले ठिकानों पर पहुंचीं और तस्करी से जुड़े संदिग्धों के ठिकानों की तलाशी शुरू की.

खबर एजेंसी एएनआई की मानें तो यह कार्रवाई उस संगठित गिरोह पर निशाना साधने के लिए की गई है, जिस पर राज्य की सीमाओं के पार हथियार सप्लाई करने का संदेह है.

अवैध गोला-बारूद तस्करी से जुड़े केस

एनआईए की यह छापेमारी अवैध गोला-बारूद तस्करी से जुड़े केस RC-01/2025/NIA/PAT का हिस्सा है, जिसे इस साल की शुरुआत में दर्ज किया गया था. जांच के दौरान सामने आए नए इनपुट के आधार पर एजेंसी ने 22 स्थानों की पहचान की, जिनका इस्तेमाल तस्करी से जुड़े लोगों द्वारा किया जा रहा था. टीमों ने आवासीय इलाकों, भंडारण स्थलों और व्यावसायिक परिसरों में तलाशी ली, ताकि इस नेटवर्क की गतिविधियों को गहराई से समझा जा सके.

तस्करी का नेटवर्क कितने राज्यों तक फैला

अब तक मिली जानकारी के मुताबिक, यह रैकेट उत्तर प्रदेश से हथियार और गोला-बारूद मंगवाकर बिहार के विभिन्न हिस्सों में पहुंचाता था. एनआईए को संदेह है कि इस सप्लाई चेन में कई बिचौलिए, आपूर्तिकर्ता और स्थानीय स्तर पर काम करने वाले हथियार संचालक शामिल हैं. जांच टीम इन सभी की कड़ियों को जोड़ते हुए यह समझने की कोशिश कर रही है कि तस्करी का यह नेटवर्क कितने राज्यों तक फैला हुआ है.

कई संदिग्ध सामान बरामद

तलाशी के दौरान एजेंसी ने डिजिटल उपकरणों, मोबाइल डेटा, संदिग्ध दस्तावेजों, वित्तीय लेनदेन से जुड़े रिकॉर्ड और अन्य सामग्री की बारीकी से जांच की. आवश्यक होने पर इन सामानों को जब्त भी किया गया. अधिकारियों के अनुसार, इस सामग्री से नेटवर्क के कामकाज, धन के स्रोत और शामिल लोगों की भूमिकाओं को समझने में मदद मिलेगी. यह भी आशंका है कि यह गिरोह लंबे समय से भूमिगत रूप से सक्रिय था.

दिल्ली ब्लास्ट से कनेक्शन?

मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार जिस टेरर कॉन्सपिरेसी केस में एनआईए की छापेमारी चल रही है, उसी की जांच के दौरान दिल्ली के लाल किले के पास हुए ब्लास्ट से जुड़े कुछ अहम सुराग भी मिले हैं. इसी वजह से अब एजेंसी यह पता लगाने में जुटी है कि ब्लास्ट केस के आरोपियों या संदिग्धों का इस गिरोह से कोई सीधा या परोक्ष संबंध तो नहीं है.

प्रारंभिक जांच में इस बात की भी संभावना जताई गई है कि यह तस्करी नेटवर्क राज्य की सीमाओं के पार कई अवैध आपूर्तिकर्ताओं और अपराधियों से जुड़ा हो सकता है. बिहार में लगातार बढ़ रही हथियार आपूर्ति की घटनाओं के चलते सुरक्षा एजेंसियों ने इसे हाई-प्रायोरिटी केस माना है. यह भी जांच की जा रही है कि इस नेटवर्क का किसी चरमपंथी या विद्रोही समूह से कोई सीधा संबंध है या नहीं. हालांकि अभी तक ऐसी किसी कड़ी की पुष्टि नहीं की गई है. 

नेटवर्क में शामिल हर व्यक्ति की पहचान

एक वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार, इस कार्रवाई का मुख्य उद्देश्य साक्ष्यों को मजबूत करना, धन के स्रोत का पता लगाना और इस नेटवर्क में शामिल हर व्यक्ति की पहचान करना है. इसमें वे लोग भी शामिल हैं जो आर्थिक मदद करते हैं या गोला-बारूद की आवाजाही को आसान बनाते हैं. एनआईए अब पूछताछ के अगले चरण में कई संदिग्धों को तलब कर सकती है, ताकि पूरे मॉड्यूल को खत्म किया जा सके.