हरियाणा में नवंबर का महीना शुरू होते ही मौसम ने पूरी तरह करवट बदल ली है. एक तरफ कड़कड़ाती ठंड ने लोगों को कंपकंपी छुड़ा दी है, तो दूसरी तरफ पराली जलाने की वजह से धुंध और प्रदूषण ने सांस लेना दूभर कर दिया है. इस समय प्रदेश के लोग ठंड और जहरीली हवा की दोहरी मार झेल रहे हैं.
मंगलवार को हिसार प्रदेश का सबसे ठंडा शहर रहा है. यहां रात का तापमान गिरकर सिर्फ 6.3 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया. लोग सुबह-सुबह रजाई और जैकेट ओढ़कर ही घर से बाहर निकल रहे हैं. इसके बाद दूसरा नंबर रहा महेंद्रगढ़ जिले के नारनौल का, जहां पारा 7.4 डिग्री तक लुढ़का. दिन में भले ही धूप निकल रही हो, लेकिन शाम ढलते ही हवा में ठिठुरन साफ महसूस हो रही है.
वहीं प्रदूषण ने तो सारे रिकॉर्ड तोड़ दिए हैं. पराली जलाने की घटनाएं अभी भी जारी हैं, जिससे कई शहरों की हवा खतरनाक स्तर पर पहुंच गई है. सबसे बुरा हाल सोनीपत का रहा, जहां AQI 344 तक पहुंच गया. यानी हवा 'गंभीर' श्रेणी में है. इसके बाद रोहतक में AQI 309 और चरखी दादरी में 313 रहा. इन इलाकों में बच्चों और बुजुर्गों को घर से बाहर निकलने में परेशानी हो रही है. आंखों में जलन, खांसी और सांस की तकलीफ जैसी शिकायतें बढ़ गई हैं.
मौसम विभाग ने बताया कि आने वाले एक सप्ताह तक मौसम मुख्य रूप से सूखा रहेगा. 21 नवंबर को एक हल्का पश्चिमी विक्षोभ आएगा, जिससे कुछ जिलों में बादल छा सकते हैं और तापमान में थोड़ा उतार-चढ़ाव आएगा. लेकिन 23 नवंबर से एक बार फिर ठंड का नया दौर शुरू होने की संभावना है. यानी अब सर्दी और तेज होने वाली है.
डॉक्टरों की सलाह है कि सुबह-शाम बाहर निकलते वक्त मास्क जरूर पहनें, खासकर जिन्हें अस्थमा या सांस की कोई पुरानी बीमारी है. बच्चों और बुजुर्गों को ज्यादा सावधानी बरतने की जरूरत है. साथ ही किसानों से अपील की जा रही है कि पराली जलाना बंद करें ताकि आने वाले दिनों में हवा थोड़ी साफ हो सके.