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हरियाणा का AQI निगरानी सिस्टम की बजी बैंड! 65 फीसदी मॉनिटर हुए ऑफलाइन

बुधवार को हरियाणा में पॉल्यूशन ट्रैकिंग नेटवर्क लगभग ठप हो गया. कहा जा रहा है कि पॉल्यूशन ट्रैकिंग नेटवर्क ठप होने के कारण टेक्निकल खराबी है.

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Edited By: Princy Sharma
Haryana AQI India Daily
Courtesy: Pinterest

गुरुग्राम: ऐसे समय में जब हरियाणा की एयर क्वालिटी को सबसे करीबी मॉनिटरिंग की जरूरत है, राज्य का पॉल्यूशन ट्रैकिंग नेटवर्क लगभग ठप हो गया है. 32 मॉनिटरिंग स्टेशनों में से, बुधवार को चौंकाने वाले 20 स्टेशन ऑफलाइन हो गए जिसमें गुरुग्राम के तीन खास स्टेशन शामिल हैं. इस बड़ी टेक्निकल खराबी का मतलब है कि राज्य ने जरूरी रियल-टाइम डेटा खो दिया है.

गुरुग्राम में, विकास सदन में सिर्फ एक मॉनिटरिंग स्टेशन काम कर रहा था, जिसने 150 का AQI रिकॉर्ड किया जिसे 'मॉडरेट' बताया गया. हालांकि, जमीन पर असली हालात कहीं ज्यादा खराब लग रहे थे, क्योंकि शहर में घना कोहरा छाया हुआ था. हरियाणा स्टेट पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड (HSPCB) के मुताबिक, ग्वालपहाड़ी, तेरी ग्राम और सेक्टर 51 में मौजूद दूसरे स्टेशन टेक्निकल खराबी और मेंटेनेंस में देरी के कारण पूरी तरह ऑफलाइन थे.

इन स्टेशनों का भी नेटवर्क ठप

यह समस्या सिर्फ गुरुग्राम तक ही सीमित नहीं है. फरीदाबाद, हिसार, पंचकूला और रोहतक के स्टेशनों ने भी डेटा भेजना बंद कर दिया है, जिससे अधिकारियों को रियल-टाइम एयर क्वालिटी लेवल का पता नहीं चल पा रहा है. यह सबसे खराब समय पर हो रहा है, जब प्रदूषण अपने पीक पर है और लोग स्मॉग, आंखों में जलन और सांस लेने में तकलीफ की शिकायत कर रहे हैं.

पर्यावरण विशेषज्ञों ने गंभीर चिंताएं जताई हैं. सेंटर फॉर साइंस एंड एनवायरनमेंट (CSE) के शुभांश तिवारी ने कहा कि प्रदूषण डेटा से इंडस्ट्रियल और ट्रैफिक जोन अब 'गायब' हैं. उन्होंने कहा, 'AQI भले ही 150 दिखाए, लेकिन लोगों को साफ तौर पर बहुत बुरा लग रहा है.'

CREA ने क्या कहा? 

सेंटर फॉर रिसर्च ऑन एनर्जी एंड क्लीन एयर (CREA) के एक एनालिस्ट मनोज कुमार ने सिस्टम की खराब प्लानिंग की आलोचना की. उन्होंने कहा कि कैलिब्रेशन और मरम्मत का काम प्रदूषण के मौसम से पहले किया जाना चाहिए, उसके दौरान नहीं. उन्होंने चेतावनी दी, जब मॉनिटरिंग स्टेशन इतने जरूरी समय पर ऑफलाइन हो जाते हैं, तो सरकार भविष्य की पॉलिसी बनाने के लिए जरूरी सबूत खो देती है.

पिछली सर्दियों के हाल

पिछली सर्दियों में, स्मॉग के मौसम में NCR के कई पल्यूशन स्टेशन भी ऑफलाइन हो गए थे, जिससे हरियाणा की तैयारी और रियल टाइम में पल्यूशन को ट्रैक करने की विश्वसनीयता पर सवाल उठे. जैसे-जैसे लोग एक और जहरीले मौसम में सांस लेने के लिए संघर्ष कर रहे हैं, एक्सपर्ट्स का कहना है कि राज्य को अपने खराब एयर क्वालिटी नेटवर्क को तुरंत ठीक करना चाहिए - इससे पहले कि बहुत देर हो जाए.

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