Pahalgam terror attack: शहर में शुक्रवार की नमाज के बाद लगातार दूसरे सप्ताह विरोध प्रदर्शन हुए. जिसमें सैकड़ों लोग घातक पहलगाम आतंकी हमले की निंदा करने के लिए एकत्र हुए. इस हमले में 22 अप्रैल को 26 लोगों की जान चली गई थी. सेक्टर 29 के लेजर वैली ग्राउंड में आयोजित प्रदर्शन ने सांप्रदायिक सद्भाव पर जोर देते हुए आतंकवाद के खिलाफ जनता के आक्रोश की निरंतर लहर को दर्शाया.
शहर के विभिन्न हिस्सों से मैदान में एकत्रित हुए प्रदर्शनकारियों ने शहर के पुलिसकर्मियों के साथ 'पाकिस्तान मुर्दाबाद', 'आतंकवाद मुर्दाबाद' और 'हिंदुस्तान जिंदाबाद' जैसे नारे लगाए. स्थानीय धार्मिक और सामुदायिक नेताओं द्वारा आयोजित इस प्रदर्शन में विभिन्न पृष्ठभूमियों से आए प्रतिभागियों ने भाग लिया, जो आतंकवाद के खिलाफ अपने रुख में एकजुट थे.
गुड़गांव इमाम संगठन के अध्यक्ष मुफ़्ती अब्दुल हसीब कासमी ने सभा को संबोधित किया. उन्होंने कहा, 'आतंकवाद के खिलाफ़ हमारी लड़ाई में हम एकजुट हैं. यह किसी धर्म या समुदाय के बारे में नहीं है - यह उन लोगों के खिलाफ भारतीयों के रूप में एक साथ खड़े होने के बारे में है जो हमारी शांति को ख़तरा पैदा करते हैं.'
पिछले हफ़्ते शहर भर की मस्जिदों और पड़ोसी नूह में भी इसी तरह के प्रदर्शन हुए थे, जब प्रतिभागियों ने घाटी में हुए हमले के अपराधियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की थी. काली पट्टी बांधकर और आतंकवाद विरोधी संदेशों और राष्ट्रीय एकता के आह्वान वाली तख्तियाँ थामे हुए प्रदर्शनकारियों ने मार्च निकाला, जबकि अधिकारियों ने शांतिपूर्ण कार्यवाही सुनिश्चित करने के लिए कड़ी सुरक्षा व्यवस्था बनाए रखी.
इस शुक्रवार को भी, कानून प्रवर्तन अधिकारियों ने स्थिति की बारीकी से निगरानी करने की अपनी प्रतिबद्धता दोहराई, किसी भी भड़काऊ सोशल मीडिया पोस्ट या विघटनकारी गतिविधियों के खिलाफ चेतावनी दी. एक अधिकारी ने कहा, इस शुक्रवार को प्रदर्शन शांतिपूर्ण तरीके से संपन्न हुआ. कोई अप्रिय घटना नहीं हुई. पहलगाम हमले के 26 पीड़ितों में से एक नौसेना लेफ्टिनेंट विनय नरवाल की पत्नी हिमांशी नरवाल की हाल ही में की गई अपील में एकता का यह संदेश गूंज उठा.