Earthquake Today: मंगलवार सुबह दिल्ली-एनसीआर के लोगों की नींद एक बार फिर धरती के हल्के झटकों से खुली. हरियाणा के फरीदाबाद में सुबह 6:00 बजे 3.2 तीव्रता का भूकंप दर्ज किया गया, जिसे राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में भी महसूस किया गया. हालांकि, इस घटना में किसी प्रकार के जान-माल के नुकसान की खबर नहीं है, लेकिन लोगों के मन में डर फिर से बैठ गया है.
राष्ट्रीय भूकंप विज्ञान केंद्र (NCS) के अनुसार, भूकंप का केंद्र फरीदाबाद था और इसकी गहराई धरती से 5 किमी नीचे रही. इसी के कुछ घंटे पहले, सोमवार तड़के जम्मू-कश्मीर के किश्तवाड़ जिले में भी भूकंप के झटके महसूस किए गए. वहां पर 3.1 तीव्रता का हल्का भूकंप आया.
फरीदाबाद में आया भूकंप 28.29°N अक्षांश और 72.21°E देशांतर पर केंद्रित था. सुबह-सुबह आए इन झटकों ने दिल्ली, नोएडा और गुरुग्राम के कई हिस्सों में हलचल मचा दी.
21 जुलाई की रात 1:36 बजे जम्मू-कश्मीर के किश्तवाड़ जिले में भूकंप आया, जिसकी तीव्रता 3.1 थी. इस घटना में भी किसी नुकसान की सूचना नहीं है, लेकिन लगातार हो रही हलचल चिंता का विषय बन चुकी है.
10 और 11 जुलाई को भी हरियाणा के झज्जर में दो बार तेज़ झटके दर्ज हुए थे. पहले भूकंप की तीव्रता 4.4 और दूसरे की 3.7 थी. इन झटकों को दिल्ली, रोहतक, नोएडा तक महसूस किया गया था.
भूकंप वैज्ञानिकों का मानना है कि दिल्ली NCR भूगर्भीय रूप से संवेदनशील इलाका है. यह क्षेत्र कई सक्रिय भ्रंश रेखाओं जैसे महेंद्रगढ़-देहरादून फॉल्ट, दिल्ली-हरिद्वार रिज, दिल्ली-सरगोधा रिज के ऊपर स्थित है. यहां आने वाले 2.0 से 4.5 तीव्रता के भूकंप दरअसल टेक्टोनिक प्लेट्स के बीच तनाव का परिणाम हैं.
दिल्ली और आसपास का इलाका भूकंपीय क्षेत्र IV में आता है, जो उच्च जोखिम क्षेत्र माना जाता है. विशेषज्ञों का कहना है कि इस क्षेत्र में कभी भी बड़ा भूकंप आ सकता है.
NCS और अन्य एजेंसियों ने निवासियों को सतर्क रहने और आपात स्थिति में क्या करना है, इसकी जानकारी पहले से रखने की सलाह दी है. मुख्य भूकंप के बाद आफ्टरशॉक्स यानी झटकों का सिलसिला सामान्य बात है.