बीजेपी राज्यसभा सांसद रामचंद्र जांगड़ा ने पहलगाम आतंकी हमले की विधवाओं पर टिप्पणी कर राजनीतिक तूफान खड़ा कर दिया. उन्होंने कहा कि इन महिलाओं को “आतंकियों से हाथ जोड़कर अपने पतियों की जान की भीख मांगने के बजाय उनसे लड़ना चाहिए था.” भिवानी में देवी अहिल्याबाई होल्कर जयंती के अवसर पर एक सभा को संबोधित करते हुए राम चंद्र जांगड़ा ने कहा, “उन्हें (महिला पर्यटकों को) लड़ना चाहिए था. मेरा मानना है कि अगर वे लड़तीं, तो हताहत कम होते. यदि सभी पर्यटक अग्निवीर होते, तो वे आतंकियों का मुकाबला करते और हताहत कम होते. हमें अपनी बहनों में रानी अहिल्याबाई जैसी वीरता का भाव जगाना होगा.” उनकी इस टिप्पणी की असंवेदनशीलता के लिए तीखी आलोचना हो रही है.
विपक्ष हुआ हमलावर
पहलगाम की पीड़ित महिलाओं के बारे में कहे गये भाजपा सांसद के इस कुत्सित बयान के लिए ‘निंदनीय’ शब्द लिखने से निंदनीय शब्द तक को आपत्ति होगी। नारी वंदना की जगह, नारी का अपमान, निंदा और हर संभव शोषण व उत्पीड़न करना ही भाजपा का असली चेहरा है, जो वीभत्स भी है और बेहद शर्मनाक भी।… pic.twitter.com/KzV6W73bLC
— Akhilesh Yadav (@yadavakhilesh) May 24, 2025
बेशर्मी की भी हद होती है
कांग्रेस की सोशल मीडिया प्रमुख सुप्रिया श्रीनेत ने जांगड़ा के बयान का उल्लेख करते हुए कहा, “बीजेपी सांसद रामचंद्र जांगड़ा पहलगाम हमले में अपने पतियों को खोने वाली महिलाओं के बारे में कह रहे हैं, ‘उनमें योद्धा का जज्बा नहीं था. न जुनून था, न जोश था, न दिल था. इसलिए वे हाथ जोड़कर गोली का शिकार बन गईं.’” उन्होंने जोड़ा, “और पार्टी सिंदूर की बात करती है? बेशर्मी की भी हद होती है.”
अखिलेश भी बरसे
जागंड़ा के बयान पर समाजवादी पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव ने भी निशाना साधा है. उन्होंने ट्वीट कर कहा...
पहलगाम की पीड़ित महिलाओं के बारे में कहे गये भाजपा सांसद के इस कुत्सित बयान के लिए ‘निंदनीय’ शब्द लिखने से निंदनीय शब्द तक को आपत्ति होगी। नारी वंदना की जगह, नारी का अपमान, निंदा और हर संभव शोषण व उत्पीड़न करना ही भाजपा का असली चेहरा है, जो वीभत्स भी है और बेहद शर्मनाक भी।… pic.twitter.com/KzV6W73bLC
— Akhilesh Yadav (@yadavakhilesh) May 24, 2025
पहलगाम हमले पर सवाल
पहलगाम हमले में गिरफ्तारी न होने के सवाल पर जांगड़ा ने कहा, “हमारी सेना ने आतंकियों के ठिकानों और मास्टरमाइंड को नष्ट कर दिया है, भले ही हमलावर पकड़े न गए हों.” यह बयान 22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के एक महीने बाद आया, जिसमें 26 लोगों की जान गई थी.