साउथ दिल्ली की प्रियांका राय नामक महिला ने एमसीडी के खिलाफ हाईकोर्ट में 20 लाख रुपये के मुआवज़े की मांग की है. उनका कहना है कि मार्च 2024 में खिरकी विलेज रोड के पास बाइक से जाते वक्त उन पर आवारा कुत्तों के झुंड ने हमला कर दिया था. इस हमले में उन्हें कई गंभीर चोटें आईं और अब वे शारीरिक व मानसिक आघात से जूझ रही हैं. अदालत ने इस मामले में एमसीडी से जवाब मांगा है.
प्रियांका राय की याचिका के अनुसार, वे अपने रिश्तेदार के साथ बाइक पर थीं जब अचानक कई कुत्तों ने उन पर हमला कर दिया. उन्होंने बताया कि उन्हें कई जगहों पर गहरे घाव आए और इलाज पर भारी खर्च हुआ. इस हादसे ने न सिर्फ उनके शरीर बल्कि मानसिक स्थिति को भी बुरी तरह प्रभावित किया है.
प्रियांका ने अपनी याचिका में पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट के 2023 के फैसले का हवाला दिया है, जिसमें कुत्ते के काटने के मामलों में मुआवज़े की गणना के लिए फार्मूला तय किया गया था. जस्टिस विनोद एस भारद्वाज द्वारा बनाए गए इस फार्मूले में दांतों के निशान और घाव की गहराई के आधार पर राशि निर्धारित की जाती है.
राय ने अपने 12 सेंटीमीटर लंबे घाव के लिए ₹12 लाख, 42 दांतों के निशान के लिए ₹4.2 लाख, और मानसिक आघात के लिए ₹3.8 लाख मुआवज़े की मांग की है. इस तरह कुल ₹20 लाख का दावा पेश किया गया है. उन्होंने कहा कि यह घटना उनकी रोज़मर्रा की ज़िंदगी पर गहरा असर डाल चुकी है.
दिल्ली हाईकोर्ट ने मई में एमसीडी को नोटिस जारी किया था और जवाब दाखिल करने को कहा था. 29 अक्टूबर को अदालत ने निगम को अपना जवाब दाखिल करने के लिए अतिरिक्त समय दिया. अदालत अब इस मामले की अगली सुनवाई में तय करेगी कि क्या प्रियांका को मुआवज़ा दिया जाएगा.
पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट के 2023 के आदेश में यह भी तय किया गया था कि स्ट्रे डॉग्स या अन्य पशुओं से जुड़े हादसों के मुआवज़े चार महीने के भीतर दिए जाने चाहिए. इसमें गाय, बैल, गधे, नीलगाय और भैंस जैसे जानवरों से हुए हादसों को भी शामिल किया गया था.