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'बीजेपी और ऑटो कंपनियों में साठगांठ', दिल्ली में पुरानी गाड़ियों को बैन करने पर मनीष सिसोदिया ने भाजपा पर बोला हमला

आम आदमी पार्टी (AAP) ने दिल्ली में पुरानी गाड़ियों को सड़कों से हटाने के बीजेपी सरकार के फैसले को "तुगलकी फरमान" करार देते हुए तीखी आलोचना की है.

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Edited By: Garima Singh
Ban on old vehicles in Delhi
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Ban on old vehicles in Delhi: आम आदमी पार्टी (AAP) ने दिल्ली में पुरानी गाड़ियों को सड़कों से हटाने के बीजेपी सरकार के फैसले को "तुगलकी फरमान" करार देते हुए तीखी आलोचना की है. AAP के वरिष्ठ नेता मनीष सिसोदिया ने इसे ऑटोमोबाइल कंपनियों और अन्य व्यावसायिक हितों को लाभ पहुंचाने की साजिश बताया. इस फैसले से दिल्ली के 61 लाख मध्यमवर्गीय परिवार प्रभावित होंगे, जिन्हें नई गाड़ियां खरीदने के लिए मजबूर किया जा रहा है.

गुरुवार को AAP मुख्यालय में प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए मनीष सिसोदिया ने लोकप्रिय वेब सीरीज 'पंचायत' का जिक्र किया. उन्होंने कहा, "पंचायत में फुलेरा की नई पंचायत साम, दाम, दंड, भेद और साजिशों के दम पर बनती है. दिल्ली सरकार भी उसी तरह व्यवहार कर रही है. यह फुलेरा की नई पंचायत है, जो एजेंसियों और पुलिस का दुरुपयोग कर रही है. लेकिन इनके पास सरकार चलाने की समझ नहीं है." उन्होंने आगे कहा, "बीजेपी सरकार का यह आदेश कि 10 साल पुरानी पेट्रोल और 15 साल पुरानी डीजल गाड़ियों को ईंधन नहीं मिलेगा, प्रदूषण रोकने का बहाना है. असल मकसद दिल्ली के आम आदमी को लूटना है."

मध्यम वर्ग पर बोझ

मनीष सिसोदिया ने दिल्ली के 61 लाख वाहन मालिकों की पीड़ा को रेखांकित करते हुए कहा कि इस फैसले से 18 लाख कारें और 41 लाख बाइक प्रभावित होंगी. "लोगों ने अपनी गाड़ियों को मेंटेन रखा है. कई गाड़ियां 20 हजार किलोमीटर भी नहीं चलीं और प्रदूषण नियंत्रण मानकों का पालन करती हैं. फिर भी बीजेपी इन गाड़ियों को स्क्रैप करने को कह रही है. यह मध्यम वर्ग को नई गाड़ियां खरीदने के लिए मजबूर करने की साजिश है."उन्होंने जोड़ा, "सैलरी क्लास, जो सालों की बचत और लोन के दम पर कार या बाइक खरीदता है, अब उसे फिर से नई गाड़ी खरीदने के लिए मजबूर किया जा रहा है. वरिष्ठ नागरिक, जो अपनी गाड़ियां कम इस्तेमाल करते हैं, वे भी परेशान हैं."

ऑटोमोबाइल कंपनियों को फायदा

सिसोदिया ने आरोप लगाया कि इस फैसले से ऑटोमोबाइल कंपनियां, स्क्रैप डीलर, हाई-सिक्योरिटी नंबर प्लेट निर्माता, और ओला-उबर जैसी कंपनियां लाभान्वित होंगी. "1 जुलाई से पुरानी गाड़ियों को ईंधन देने पर रोक और उसी दिन से ओला-उबर को पीक आवर्स में दोगुना किराया वसूलने की अनुमति कोई संयोग नहीं है. यह बीजेपी की सांठगांठ का नतीजा है," उन्होंने कहा.सुप्रीम कोर्ट के बहाने की आलोचनासुप्रीम कोर्ट के आदेश का हवाला देकर पुरानी गाड़ियों पर प्रतिबंध लगाने के सवाल पर सिसोदिया ने तंज कसा, "बीजेपी को कोर्ट के आदेशों की परवाह नहीं. ये लोग रातों-रात अध्यादेश ला सकते हैं. अगर अरविंद केजरीवाल के अधिकार रोकने के लिए अध्यादेश लाया जा सकता है, तो 61 लाख परिवारों को राहत देने के लिए क्यों नहीं?"

AAP की मांग

AAP ने मांग की है कि बीजेपी सरकार इस जनविरोधी आदेश को तत्काल वापस ले. सिसोदिया ने कहा, "प्रदूषण रोकने के लिए वैज्ञानिक उपाय अपनाए जाएं, न कि लोगों को लूटने की नीति. दिल्लीवालों ने बीजेपी को चुना है, लेकिन वे उन्हें खून के आंसू रुला रही है."