Seelampur Police Booth: दिल्ली के सीलमपुर इलाके में एक भयानक घटना में, करण नाम के एक नाबालिग लड़के की पुलिस बूथ के ठीक बाहर चाकू मारकर हत्या कर दी गई, जबकि उस समय पुलिसकर्मी अंदर थे. हमलावर कौन था? एक और नाबालिग. इस हत्या से इलाके में भारी तनाव फैल गया है.
स्थानीय लोग और हिंदू संगठन दावा कर रहे हैं कि सीलमपुर में हिंदुओं की सुरक्षा नहीं है. स्थिति इतनी गंभीर हो गई कि पुलिस को इलाके को सुरक्षा क्षेत्र घोषित करना पड़ा और और हिंसा न हो, इसके लिए भारी संख्या में पुलिस बल तैनात किया गया. करण न्यू सीलमपुर के जे ब्लॉक में अपने माता-पिता और दो भाइयों के साथ रहता था. वह पिछले आठ महीने से पुलिस बूथ के बगल में एक मैकेनिक की दुकान पर काम कर रहा था.
गुरुवार रात करीब 8:30 बजे एक नाबालिग लड़का दुकान पर आया, करण से झगड़ा और अचानक चाकू निकालकर उस पर कई बार हमला कर दिया. घटनास्थल पर मौजूद स्थानीय लोगों ने आरोपी को पकड़कर पुलिस के हवाले कर दिया. पुलिस के अनुसार, झगड़ा बाइक ठीक करने को लेकर था, लेकिन यह हमला कुछ ही सेकंड में जानलेवा हो गया. करण को खुद को बचाने का मौका भी नहीं मिला.
घटना के तुरंत बाद, स्थानीय लोगों ने पुलिस बैरिकेड तोड़ दिए, पत्थर फेंके और विरोध प्रदर्शन किया. उनका कहना था कि पुलिस कानून व्यवस्था बनाए रखने में पूरी तरह विफल रही है. कई लोगों ने कहा कि इस तरह की घटना पहली बार नहीं हुई है छह महीने पहले भी इसी इलाके में कुणाल नाम के एक और नाबालिग की चाकू मारकर हत्या कर दी गई थी. हिंदू संगठनों ने भी विरोध प्रदर्शन में हिस्सा लिया और प्रशासन पर इलाके में बढ़ते अपराधों को नजरअंदाज करने का आरोप लगाया. बीजेपी नेता और स्थानीय पार्षद भी घटनास्थल पर जमा होने लगे, जिससे तनाव और बढ़ गया.
स्थानीय लोगों का आरोप है कि सीलमपुर में शराब और गांजा जैसी अवैध ड्रग्स खुलेआम बिकती हैं और पुलिस को इसकी जानकारी है, लेकिन वह कोई कार्रवाई नहीं करती. उनका कहना है कि अपराधी बेखौफ हो रहे हैं क्योंकि उन्हें लगता है कि पुलिस बिना लिखित शिकायत के कोई कार्रवाई नहीं करेगी और अगर कोई शिकायत करता भी है तो अपराधी उसे धमकाना शुरू कर देते हैं.
पुलिस बूथ के ठीक बाहर हुई यह चौंकाने वाली हत्या दिल्ली पुलिस की कार्यक्षमता पर गंभीर सवाल खड़े करती है, खासकर तब जब वे अक्सर ऑपरेशन कवच और ऑपरेशन आघात के जरिए गैंग के खिलाफ कार्रवाई करने का दावा करते हैं. लेकिन स्थानीय लोग पूछते हैं अगर पुलिस अपने बूथ के बाहर हत्या नहीं रोक सकती, तो आम लोगों की सुरक्षा का क्या?
विशेषज्ञों का कहना है कि नाबालिग अपराधी डरते नहीं हैं, क्योंकि उन्हें पता है कि अगर वे हत्या जैसे गंभीर अपराध भी करते हैं, तो उन्हें नाबालिग सुधार गृह में कुछ ही समय रहना होगा और वे जल्दी बाहर आ जाएंगे. पुलिस ने मामला दर्ज कर लिया है और शव को पोस्टमॉर्टम के लिए भेज दिया है. जांच जारी है.