दिल्ली में निजी स्कूलों के लिए लाए गए फीस रेगुलेशन अध्यादेश के खिलाफ अभिभावकों का गुस्सा सड़कों पर फूट पड़ा है. आम आदमी पार्टी (AAP) ने इस मुद्दे पर अभिभावकों का साथ देते हुए भारतीय जनता पार्टी (BJP) की दिल्ली सरकार पर तीखा हमला बोला है. AAP के दिल्ली प्रदेश अध्यक्ष सौरभ भारद्वाज ने कहा, “बीजेपी सरकार के अध्यादेश से सिर्फ शिक्षा माफिया को फायदा होगा. इससे निजी स्कूलों को लूट की खुली छूट मिल जाएगी.”
दरअसल, शनिवार (21 जून) को छत्रसाल स्टेडियम के बाहर सैकड़ों अभिभावकों ने दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता के खिलाफ प्रदर्शन किया. यह प्रदर्शन BJP सरकार द्वारा चोरी-छिपे लाए गए फीस रेगुलेशन बिल के विरोध में था. अभिभावकों का कहना है कि यह बिल निजी स्कूलों को मनमानी फीस वृद्धि की अनुमति देगा, जिससे मध्यम वर्ग पर आर्थिक बोझ बढ़ेगा. सौरभ भारद्वाज ने इस प्रदर्शन का समर्थन करते हुए कहा, “चार इंजन की भाजपा सरकार ने चार महीने में दिल्ली की मिडल क्लास को जून की गर्मी में सड़कों पर ला दिया है.” उन्होंने मांग की कि सरकार इस बिल को सार्वजनिक करे और अभिभावकों की जायज मांगों पर ध्यान दे.
AAP का BJP पर हमला
AAP के वरिष्ठ नेता और दिल्ली के पूर्व शिक्षा मंत्री मनीष सिसोदिया ने भी इस मुद्दे पर BJP को घेरा. उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफार्म ‘X’ पर अभिभावकों के प्रदर्शन का वीडियो साझा करते हुए लिखा, “दिल्ली में प्राइवेट स्कूलों की खुली लूट चालू है. लेकिन भाजपा रोजाना आम आदमी पार्टी नेताओं पर फर्जी एफआईआर करके असली मुद्दों से ध्यान भटकाने की कोशिश में लगी है.” सिसोदिया ने आरोप लगाया कि सरकार निजी स्कूल मालिकों के साथ मिलकर अभिभावकों के हितों की अनदेखी कर रही है.
फीस वृद्धि पर AAP ने उठाए सवाल
सौरभ भारद्वाज ने बताया कि BJP सरकार बनने के बाद से दिल्ली के लगभग सभी निजी स्कूलों ने मनमानी तरीके से फीस बढ़ा दी है. अभिभावकों की बार-बार शिकायतों के बावजूद सरकार ने कोई कार्रवाई नहीं की. उन्होंने डीपीएस द्वारका का उदाहरण देते हुए कहा कि वहां की फीस वृद्धि के खिलाफ अभी तक कोई FIR दर्ज नहीं हुई है. अभिभावकों का मानना है कि यह बिल निजी स्कूल मालिकों को और अधिक शक्ति देगा, जिससे फीस में हर साल अनुचित वृद्धि होगी.
सरकार से पारदर्शिता की मांग
AAP और अभिभावकों ने एक स्वर में मांग की है कि सरकार इस अध्यादेश को पारदर्शी तरीके से जनता के सामने लाए. सौरभ भारद्वाज ने जोर देकर कहा, “प्राइवेट स्कूल अभिभावक मांग कर रहे हैं कि सरकार थोड़ा दिल दिखाओ, अब तो अपना बिल दिखाओ.” यह विवाद दिल्ली में शिक्षा क्षेत्र में बढ़ते तनाव और सरकार की जवाबदेही की कमी को उजागर करता है.