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India Daily

राज्यसभा में संजय सिंह ने उठाया सोनम वांगचुक की गिरफ्तारी का मुद्दा, केंद्र पर लगाए आरोप

राज्यसभा में संजय सिंह ने लद्दाख के जलवायु कार्यकर्ता सोनम वांगचुक की गिरफ्तारी पर सवाल उठाते हुए केंद्र पर लोकतांत्रिक असहमति के दमन और राष्ट्रीय सुरक्षा कानून के दुरुपयोग का गंभीर आरोप लगाया.

Kuldeep Sharma
Edited By: Kuldeep Sharma
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Courtesy: social media

नई दिल्ली: आम आदमी पार्टी के वरिष्ठ नेता और राज्यसभा सांसद संजय सिंह ने बुधवार को सदन के शून्यकाल में लद्दाख का मुद्दा जोरदार ढंग से उठाया.

उन्होंने जलवायु कार्यकर्ता सोनम वांगचुक की गिरफ्तारी को लोकतंत्र पर सीधा हमला बताया और केंद्र सरकार पर संविधान, नागरिक स्वतंत्रता और अभिव्यक्ति की आज़ादी को कुचलने का आरोप लगाया. संजय सिंह ने कहा कि शांतिपूर्ण आंदोलनकारियों को राष्ट्रीय सुरक्षा कानून के तहत जेल में डालना देश को अघोषित आपातकाल की ओर ले जाने जैसा है.

शून्यकाल में उठा लद्दाख का मुद्दा

संजय सिंह ने कहा कि सोनम वांगचुक कोई अपराधी नहीं, बल्कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सम्मानित शिक्षाविद और जलवायु कार्यकर्ता हैं. उन्होंने शिक्षा, सतत विकास और हिमालयी क्षेत्र के संरक्षण में ऐतिहासिक योगदान दिया है. संजय सिंह के मुताबिक, सोनम वांगचुक ने हमेशा अहिंसक और संवैधानिक तरीकों से अपनी बात रखी, लेकिन सरकार ने असहमति को दबाने के लिए राष्ट्रीय सुरक्षा कानून का सहारा लिया.

लोकतांत्रिक आवाज़ से सरकार का डर

आप सांसद ने आरोप लगाया कि भाजपा सरकार अब सवाल पूछने वालों से डरने लगी है. उन्होंने कहा कि जो लोग लोकतांत्रिक तरीके से अपनी मांग रखते हैं, उन्हें जेल में डाल दिया जाता है. संजय सिंह ने इसे लोकतंत्र के मूल सिद्धांतों के खिलाफ बताया और कहा कि यह रवैया नागरिकों को डराने की कोशिश है, न कि समस्याओं का समाधान.

लद्दाख आंदोलन और हिंसा का जिक्र

संजय सिंह ने 24 सितंबर 2025 की घटनाओं का हवाला देते हुए कहा कि राज्य का दर्जा और छठी अनुसूची की मांग को लेकर हुए प्रदर्शनों में चार निर्दोष लोगों की जान चली गई. 70 से अधिक लोग घायल हुए और 70 से ज्यादा प्रदर्शनकारियों को गिरफ्तार किया गया. इनमें से कई पर राष्ट्रीय सुरक्षा कानून लगाया गया और आज भी 10 से अधिक लोग जेल में बंद हैं.

राष्ट्रभक्ति और संवैधानिक अधिकार

उन्होंने कहा कि यही लद्दाख है जिसने 1948, 1962, 1971, 1999 के कारगिल युद्ध और 2020 के सीमा तनाव में देश के साथ मजबूती से खड़े होकर राष्ट्रभक्ति दिखाई. संजय सिंह ने सवाल किया कि ऐसे देशभक्त क्षेत्र के नागरिकों के साथ दमन क्यों किया जा रहा है. उन्होंने इसे संविधान के अनुच्छेद 14, 19 और 21 का खुला उल्लंघन बताया.

रिहाई और संवाद की मांग

संजय सिंह ने सोनम वांगचुक की पत्नी द्वारा जताई गई सुरक्षा संबंधी आशंकाओं का भी जिक्र किया. उन्होंने सदन से मांग की कि सोनम वांगचुक को तुरंत रिहा किया जाए, उनके खिलाफ लगाया गया राष्ट्रीय सुरक्षा कानून वापस लिया जाए और सभी शांतिपूर्ण प्रदर्शनकारियों को बिना शर्त छोड़ा जाए. साथ ही, लद्दाख के प्रतिनिधियों से राज्य का दर्जा और छठी अनुसूची पर तुरंत सार्थक संवाद शुरू किया जाए.