लाल किले के पास सोमवार शाम हुए विस्फोट ने राजधानी में दहशत मचा दी. विस्फोट में आठ लोगों की मौत हुई और 20 से अधिक घायल हुए. प्रारंभिक जांच में पता चला कि विस्फोटक में अमोनियम नाइट्रेट ईंधन तेल (एएनएफओ) का इस्तेमाल किया गया था, जो अत्यधिक ज्वलनशील और आसानी से उपलब्ध होने के कारण आतंकवादी हमलों में प्रयोग किया जाता है. इस हमले के मुख्य आरोपी डॉ. मोहम्मद उमर फरीदाबाद स्थित आतंकी मॉड्यूल का सदस्य है, जिसने अपने सहयोगियों के साथ मिलकर कार में डेटोनेटर लगाकर फिदायीन हमले को अंजाम दिया.
विस्फोट के बाद इलाके में क्षतिग्रस्त वाहन और शव बिखर गए, जबकि आसपास की इमारतों तक इसकी आवाज सुनी गई. जांच एजेंसियां इस मॉड्यूल और अमोनियम नाइट्रेट के स्रोत का पता लगाने में लगी हुई हैं.
सोमवार शाम हुंडई i20 कार में विस्फोट हुआ, जिसमें आठ लोगों की मौत और 20 से अधिक घायल हुए. विस्फोट स्थल पर भारी क्षति हुई और आसपास की इमारतों में भी नुकसान हुआ. सुरक्षा एजेंसियों ने इलाके को तुरंत घेर लिया और फोरेंसिक टीमें जांच में जुट गईं.
हमले का मुख्य आरोपी डॉ. मोहम्मद उमर फरीदाबाद मॉड्यूल का सदस्य था. यह मॉड्यूल जैश-ए-मोहम्मद और अंसार गजवत-उल-हिंद से जुड़ा हुआ है. हमले से पहले मॉड्यूल के कई सदस्य गिरफ्तार किए जा चुके थे, जिनसे बड़ी मात्रा में आईईडी और हथियार बरामद हुए.
प्रारंभिक जांच में विस्फोटक में एएनएफओ का प्रयोग पाया गया, जो अत्यधिक ज्वलनशील और आसानी से उपलब्ध है. यह औद्योगिक विस्फोटकों में सामान्यत: उपयोग होता है और आतंकवादी हमलों में इससे तीव्र विस्फोट किया जा सकता है.
डॉ. उमर ने अपने सहयोगी डॉ. मुजम्मिल शकील की गिरफ्तारी के बाद हमले की योजना बनाई थी. फरीदाबाद के फतेहपुर तागा गांव में छापेमारी के दौरान 360 किलोग्राम ज्वलनशील पदार्थ, रसायन और अन्य हथियार बरामद हुए.
विस्फोट इतना शक्तिशाली था कि आसपास खड़ी कई गाड़ियों की खिड़कियां टूट गईं और आसपास की इमारतें भी हिल गईं. यह हमला फिदायीन शैली का माना जा रहा है और देश के प्रमुख पर्यटन स्थल पर हुआ.
जम्मू-कश्मीर पुलिस और अन्य एजेंसियां फरीदाबाद मॉड्यूल और विस्फोटक सामग्री के स्रोत की जांच कर रही हैं. राष्ट्रीय राजधानी और पड़ोसी राज्यों में हाई अलर्ट जारी किया गया है, और सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी गई है.