menu-icon
India Daily

Supreme Court Stray Dogs Order: 'वैज्ञानिक तर्क से जुड़ा दयालु कदम...,' आवारा कुत्तों पर SC के आदेश की राहुल गांधी ने की तारीफ

सुप्रीम कोर्ट ने आवारा कुत्तों पर अपने आदेश में संशोधन करते हुए कहा कि उन्हें शेल्टर में नहीं रखा जाएगा, बल्कि बंध्याकरण और टीकाकरण के बाद छोड़ा जाएगा. राहुल गांधी ने इस फैसले का स्वागत करते हुए इसे करुणामय और वैज्ञानिक सोच से जुड़ा बताया.

Km Jaya
Edited By: Km Jaya
Rahul Gandhi
Courtesy: Social Media

Supreme Court Stray Dogs Order: सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को आवारा कुत्तों से जुड़ा अपना 11 अगस्त का आदेश संशोधित कर दिया. कोर्ट ने स्पष्ट किया कि अब आवारा कुत्तों को केवल बंध्याकरण और टीकाकरण के बाद वापस छोड़ा जाएगा, उन्हें स्थायी रूप से शेल्टर में नहीं रखा जाएगा, बशर्ते वे रेबीज से ग्रसित या आक्रामक न हों. साथ ही कोर्ट ने सड़कों पर कुत्तों को खाना खिलाने पर रोक लगा दी.

कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने सुप्रीम कोर्ट के इस नए फैसले का स्वागत किया और इसे प्रगतिशील बताते हुए कहा कि यह कदम पशु कल्याण और सार्वजनिक सुरक्षा के बीच संतुलन स्थापित करता है. राहुल गांधी ने एक्स पर लिखा कि सुप्रीम कोर्ट का यह दृष्टिकोण करुणा से भरा हुआ है और वैज्ञानिक सोच पर आधारित है.

आदेश के खिलाफ पशुप्रेमियों की आपत्ति

दरअसल, सुप्रीम कोर्ट की दो-न्यायाधीशों की पीठ ने 11 अगस्त को आदेश दिया था कि दिल्ली-एनसीआर से सभी आवारा कुत्तों को आठ हफ्तों के भीतर उठाकर शेल्टर में रखा जाए. इस आदेश के खिलाफ बड़े पैमाने पर पशु अधिकार कार्यकर्ताओं और पशुप्रेमियों ने आपत्ति जताई थी. इसके बाद मामला 14 अगस्त को तीन-न्यायाधीशों की नई पीठ को सौंपा गया जिसने फैसला सुरक्षित रख लिया था.

स्वतंत्र रूप से कार्यवाही करने का अधिकार 

नए आदेश में कोर्ट ने कहा कि यदि कोई व्यक्ति या संगठन सड़क पर आवारा कुत्तों को खाना खिलाते हुए पाया गया तो उसके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जा सकती है. इसके अलावा, यदि कोई एनजीओ या पशुप्रेमी प्रशासनिक कार्रवाई में बाधा डालता है तो उस पर 25 हजार रुपये का जुर्माना लगाया जा सकता है. कोर्ट ने यह भी कहा कि सार्वजनिक सेवकों को बाधित करने वालों पर स्वतंत्र रूप से कार्यवाही करने का अधिकार होगा.

नागरिकों की सुरक्षा के लिए कानूनी प्रावधान 

इस तरह सुप्रीम कोर्ट ने अपने पहले आदेश से पीछे हटते हुए कुत्तों के स्थायी शेल्टर में रखे जाने की अनिवार्यता समाप्त कर दी. अब बंध्याकरण और टीकाकरण के बाद उन्हें वहीं छोड़ा जाएगा जहां से उन्हें उठाया गया था. पशु प्रेमियों के लिए यह राहत की खबर है, वहीं आम नागरिकों की सुरक्षा के लिए भी कानूनी प्रावधान तय किए गए हैं.