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India Daily

भारत-पाकिस्तान क्रिकेट मैच को लेकर कई जगहों पर विरोध, दिल्ली पुलिस ने शिवसेना को नहीं दी प्रदर्शन की अनुमति

कई विपक्षी दलों ने भाजपा के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार की आलोचना की है और इस मैच को पहलगाम आतंकी हमले के पीड़ितों और सीमा पर शहीद हुए भारतीय सैनिकों का अपमान बताया है. शिवसेना नेता उद्धव ठाकरे ने घोषणा की है कि पूरे महाराष्ट्र में 'सिंदूर' विरोध प्रदर्शन किया जाएगा.

Gyanendra Sharma
Edited By: Gyanendra Sharma
india vs pak shiv sena
Courtesy: Social Media

India-Pakistan cricket match: एशिया कप 2025 में आज दुबई में भारत-पाकिस्तान के बीच मैच होना है. इस मैच को लेकर क्रिकेट फैंस बटे हुए हैं. विपक्ष इस मैच का विरोध कर रहा है.  दिल्ली पुलिस ने रविवार को शिवसेना (यूबीटी) को भारत-पाकिस्तान एशिया कप क्रिकेट मैच के खिलाफ जंतर-मंतर पर विरोध प्रदर्शन करने की अनुमति देने से इनकार कर दिया. 

पारंपरिक प्रतिद्वंदी भारत और पाकिस्तान रविवार को दुबई में आमने-सामने होंगे, जो मई में हुए सैन्य संघर्ष के बाद उनका पहला मुकाबला होगा. यह संघर्ष 22 अप्रैल को पहलगाम में हुए एक जघन्य आतंकवादी हमले में 26 लोगों के मारे जाने के बाद पाकिस्तान नियंत्रित क्षेत्रों में आतंकी ढांचों पर भारत के हमलों के बाद हुआ था.

भारतीय सैनिकों का अपमान

कई विपक्षी दलों ने भाजपा के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार की आलोचना की है और इस मैच को पहलगाम आतंकी हमले के पीड़ितों और सीमा पर शहीद हुए भारतीय सैनिकों का अपमान बताया है. शिवसेना नेता उद्धव ठाकरे ने घोषणा की है कि पूरे महाराष्ट्र में 'सिंदूर' विरोध प्रदर्शन किया जाएगा.

जंतर-मंतर पर विरोध प्रदर्शन करने के लिए आवेदन

दिल्ली में एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया कि जंतर-मंतर पर विरोध प्रदर्शन करने के लिए आवेदन 13 सितंबर को प्राप्त हुआ था, जो कि नियोजित प्रदर्शन से महज एक दिन पहले था. अधिकारी ने कहा, मौजूदा दिशानिर्देशों के अनुसार, आवेदन कार्यक्रम की तिथि से कम से कम 10 दिन पहले प्रस्तुत किया जाना चाहिए. चूंकि यह शर्त पूरी नहीं हुई, इसलिए अनुरोध स्वीकार नहीं किया जा सका.

शिवसेना (यूबीटी) के नेताओं ने इस निर्णय पर अपनी निराशा व्यक्त की, लेकिन शांतिपूर्ण तरीके से मामले को आगे बढ़ाने के अपने संकल्प की पुष्टि की. दिल्ली में शिवसेना (यूबीटी) के प्रमुख मंगत राम मुंडे ने कहा, "हम कानून का सम्मान करते हैं लेकिन लोकतांत्रिक तरीकों से अपनी चिंताओं को व्यक्त करना जारी रखेंगे."