Online Gaming Bill 2025: केंद्र सरकार ने ऑनलाइन गेमिंग के तेजी से बढ़ते क्षेत्र को नियंत्रित और सुरक्षित बनाने की दिशा में बड़ा कदम उठाया है. केंद्रीय इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बुधवार को लोकसभा में ‘ऑनलाइन गेमिंग संवर्धन व विनियमन विधेयक, 2025’ पेश किया. विपक्ष के भारी हंगामे के बीच यह बिल उसी दिन पारित भी हो गया. इसके साथ ही देश में ऑनलाइन गेमिंग से जुड़े नियमों और सुरक्षा ढांचे को नई दिशा मिलने जा रही है.
इससे पहले मंगलवार को केंद्रीय कैबिनेट ने इस विधेयक को मंजूरी दी थी. बिल के पारित होते ही लोकसभा की कार्यवाही को पीसी मोहन की अध्यक्षता में दोपहर 2 बजे तक स्थगित करना पड़ा. यह विधेयक खासतौर पर ऑनलाइन गेमिंग उद्योग में पारदर्शिता, जिम्मेदारी और उपभोक्ता सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए लाया गया है. सरकार का मानना है कि इस कदम से युवाओं को सुरक्षित डिजिटल वातावरण मिलेगा और ऑनलाइन गेमिंग क्षेत्र को नियंत्रित ढांचे के तहत संवर्धन भी किया जा सकेगा.
ऑनलाइन गेमिंग के संवर्धन और विनियमन विधेयक, 2025 पर केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव कहते हैं, '...इस विधेयक और इस अभ्यास का हमारा उद्देश्य लगभग तीन वर्षों से चल रहा है, जहां हम उद्योग के साथ गहराई से जुड़े हैं ताकि यह देखा जा सके कि हानिकारक प्रभाव को कैसे रोका, नियंत्रित और कम किया जा सकता है.हमारा उद्देश्य इसके अच्छे पहलुओं को बढ़ावा देना और प्रोत्साहित करना है, जिससे भारत एक गेम-मेकिंग हब बन सके.हमने IICT की स्थापना की है जो भारतीय रचनात्मक प्रौद्योगिकी संस्थान है और गेमिंग इसका एक कार्यक्षेत्र है, इसलिए हमारा ध्यान यह सुनिश्चित करने पर है कि बेहतर हिस्से, अच्छे हिस्से जो समाज को नुकसान नहीं पहुचा रहे हैं, उन्हें बढ़ावा दिया जाए और प्रोत्साहित किया जाए जबकि समाज पर हानिकारक प्रभाव को नियंत्रित और कम किया जा सके...'.
#WATCH | Delhi | On the Promotion and Regulation of Online Gaming Bill, 2025, Union Minister Ashwini Vaishnaw says, "...Our purpose of this bill and this exercise has been ongoing for almost three plus years, where we have deeply engaged with industry to see how the harmful… pic.twitter.com/Fbnu3heG91
— ANI (@ANI) August 21, 2025
इस बिल में ऑनलाइन गेम्स से संबंधित विज्ञापनों पर प्रतिबंध लगाने के साथ-साथ बैंकों और वित्तीय संस्थानों को ऐसे किसी भी गेम के लिए धन की सुविधा प्रदान करने या हस्तांतरण करने से रोकने का भी प्रावधान है.
अगर कोई कंपनी अवैध ऑनलाइन सट्टेबाजी या मनी गेमिंग प्लेटफॉर्म चलाती पाई गई तो उस पर तीन साल की जेल और एक करोड़ रुपये तक का जुर्माना लगाया जाएगा. ऐसे प्लेटफॉर्म का विज्ञापन करने वालों पर भी दो साल तक की जेल या 50 लाख रुपये का जुर्माना हो सकता है. सरकार पहले ही ऑनलाइन गेमिंग पर 28% जीएसटी और 30% तक की टैक्स व्यवस्था लागू कर चुकी है. विदेशी और गैर-लाइसेंसधारी साइटों को भी ब्लॉक करने की कार्रवाई जारी है.