Mahila Samriddhi Yojana: दिल्ली विधानसभा चुनाव में बीजेपी ने महिला समृद्धि योजना का जोरदार प्रचार किया था. पार्टी ने वादा किया था कि यदि वह सत्ता में आई तो गरीब और आर्थिक रूप से कमजोर महिलाओं को 2500 रुपये महीने की आर्थिक सहायता प्रदान की जाएगी. यह वादा चुनाव प्रचार में एक प्रमुख मुद्दा बन गया था और बीजेपी की जीत में इस योजना को अहम माना गया था. लेकिन सरकार बनने के 100 दिन बाद भी इस योजना का कोई खास असर नहीं दिखा है और अब इसे लेकर बीजेपी विपक्षी पार्टियों के निशाने पर आ गई है.
अब दिल्ली सरकार रेखा गुप्ता की अगुवाई में इस योजना के लिए कुछ शर्तें और नियम बनाने पर विचार कर रही है. सूत्रों के मुताबिक, इस योजना के तहत केवल उन महिलाओं को 2500 रुपये महीना मिलेगा, जो सरकार की तय की हुई पात्रता शर्तों पर खरी उतरेंगी. जिन शर्तों पर चर्चा हो रही है, उनमें शामिल है कि महिला का परिवार सालाना आय 2.5 लाख रुपये से ज्यादा नहीं होनी चाहिए, महिला की उम्र 21 से 60 साल के बीच हो और हर परिवार से केवल एक महिला को लाभ मिलेगा.
इसके अलावा, सरकार ने पहले परिवार की परिभाषा तय करने की योजना बनाई है, ताकि यह स्पष्ट हो सके कि किसे लाभ मिलेगा. यह परिभाषा पति-पत्नी और बच्चों को शामिल करने के रूप में तय की जाएगी, ताकि संयुक्त परिवारों में भी किसी एक महिला को इस योजना का फायदा मिल सके.
महिला समृद्धि योजना के लिए 5100 करोड़ रुपये का फंड तय किया गया है. इस योजना के लिए एक हाई प्रोफाइल कमेटी भी बनाई गई है, जिसकी पहली बैठक हाल ही में हुई थी. बैठक में मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता, कानून मंत्री कपिल मिश्रा, शिक्षा मंत्री आशीष सूद और महिला एवं बाल विकास विभाग के वरिष्ठ अधिकारी भी मौजूद थे.
सूत्रों के मुताबिक, योजना के लिए नियमों में यह भी कहा गया है कि जिन महिलाओं के पास पहले से सरकारी पेंशन है, वे सरकारी नौकरी में हैं, टैक्स पेयर हैं, या जिनके पास फोर व्हील है, उन्हें इस योजना का फायदा नहीं मिलेगा. इसके अलावा, महिला के पास दिल्ली का रेजिडेंस प्रूफ होना भी जरूरी है.
दिल्ली सरकार का अनुमान है कि इस योजना का लाभ 20 से 22 लाख महिलाओं को मिल सकता है. इसके लिए एक ऑनलाइन पोर्टल भी तैयार किया जा रहा है, ताकि महिलाएं आसानी से आवेदन कर सकें.