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India Daily

'कानून बनाने के लिए BJP विधानसभा का विशेष सत्र बुलाती है तो AAP करेगी समर्थन', बोलीं आतिशी

आतिशी का यह बयान दिल्ली की सियासत में हलचल मचा सकता है. 10 साल पुरानी गाड़ियों पर बैन ने मिडिल क्लास, महिलाओं और बुजुर्गों को परेशानी में डाल दिया है. आतिशी ने बीजेपी को सात दिन की समय सीमा दी है, जिसके बाद दिल्ली की जनता यह तय करेगी कि बीजेपी उनकी हितैषी है या वाहन उद्योग के साथ सांठगांठ कर रही है.

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Edited By: Mayank Tiwari
दिल्ली की पूर्व सीएम आतिशी
Courtesy: X@AtishiAAP

आम आदमी पार्टी (आप) की वरिष्ठ नेता और दिल्ली विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष आतिशी ने मंगलवार (8 जुलाई) को पार्टी मुख्यालय में प्रेस वार्ता कर बीजेपी सरकार पर तीखा हमला बोला. उन्होंने दिल्ली में 10 साल पुरानी गाड़ियों पर लगाए गए बैन को मिडिल क्लास, महिलाओं और बुजुर्गों के खिलाफ साजिश करार दिया. आतिशी ने बीजेपी से मांग की कि वह एक सप्ताह के भीतर इस बैन को हटाने के लिए कानून लाए, अन्यथा दिल्ली की जनता समझ जाएगी कि बीजेपी की वाहन निर्माताओं, डीलरों और स्क्रैपर्स के साथ सांठगांठ है. 

दिल्ली विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष आतिशी ने कहा, “भाजपा सुप्रीम कोर्ट जाने का ड्रामा बंद करे और मिडिल क्लास के हित में एक सप्ताह के अंदर कानून लाए. अगर भाजपा कानून बनाने के लिए विधानसभा का विशेष सत्र बुलाती है तो आम आदमी पार्टी उसका समर्थन करेगी.” उन्होंने आरोप लगाया कि बीजेपी provisional कोर्ट इसलिए जाना चाहती है ताकि उसकी अपील खारिज हो और वह कोर्ट के आदेश की आड़ में अपनी जिम्मेदारी से बच सके.

 मिडिल क्लास की परेशानियां

आतिशी ने प्रेस वार्ता में बीजेपी सरकार पर पिछले छह महीनों से दिल्ली के मिडिल क्लास को परेशान करने का आरोप लगाया. उन्होंने कहा, “जब से दिल्ली में भाजपा की सरकार बनी है, मिडिल क्लास लंबे-लंबे पावर कट, बिजली के बढ़ते दाम और प्राइवेट स्कूलों की बढ़ती फीस से परेशान है. अब 10 साल पुरानी गाड़ियों पर बैन ने पूरे मिडिल क्लास को डरा दिया है.”

उन्होंने बताया कि मिडिल क्लास का सपना होता है कि मेहनत से पैसे जोड़कर 5-7 साल के लोन पर एक सेकंड हैंड छोटी गाड़ी खरीदी जाए. लेकिन बीजेपी की नीतियों ने इस सपने को चकनाचूर कर दिया. आतिशी ने कहा कि बीजेपी की “चार इंजन वाली सरकार” ने न तो महिलाओं को सुरक्षा दी और न ही बुजुर्गों की चिंता की. 

महिलाओं और बुजुर्गों की मजबूरी

आतिशी ने जोर देकर कहा कि दिल्ली में सार्वजनिक परिवहन में महिलाओं के साथ बदतमीजी की घटनाएं आम हैं, जिसके कारण वे गाड़ी खरीदने को मजबूर हैं. “भाजपा ने बसों से मार्शल भी हटा दिए हैं. महिलाएं सड़क पर नहीं जा सकतीं, मेट्रो स्टेशन या बस स्टैंड से घर नहीं आ सकतीं, क्योंकि लड़के बदतमीजी करते हैं और पुलिस नहीं होती.” इसी तरह, बुजुर्गों को रात-बेरात कहीं जाने के लिए सुरक्षित साधन चाहिए.

वे अक्सर सेकंड हैंड गाड़ियां खरीदते हैं, लेकिन बीजेपी ने 10 साल पुरानी गाड़ियों पर बैन लगाकर उनकी सुरक्षा को खतरे में डाल दिया. आतिशी ने कहा, “यह भी नहीं देखा कि गाड़ी की माइलेज कितनी है, 50,000 किमी चली है या 2 लाख किमी, वेल-मेंटेंड है या प्रदूषण फैलाती है. भाजपा ने कार स्क्रैपर्स, कार मैन्युफैक्चरर्स, कार रिटेलर्स और डीलर्स के साथ सांठगांठ करके 62 लाख परिवारों को नई गाड़ियां और टू-व्हीलर खरीदने के लिए मजबूर किया.

”बीजेपी का “फर्जीवाड़ा”

आतिशी ने बीजेपी पर फर्जीवाड़े का गंभीर आरोप लगाया. उन्होंने कहा कि जब दिल्ली की जनता ने इस बैन का विरोध किया, तो बीजेपी ने “कार्तिक कॉलिंग कार्तिक” की तर्ज पर फर्जी चिट्ठी-चिट्ठी का खेल शुरू कर दिया. “भाजपा के पर्यावरण मंत्री कहते हैं कि मैं सीएक्यूएम को चिट्ठी लिख रहा हूं. भाजपा की दिल्ली सरकार, भाजपा की केंद्र सरकार के सीएक्यूएम को चिट्ठी लिख रही है कि हमारी बात सुनो. फिर सीएक्यूएम दिल्ली सरकार की चिट्ठी पर मीटिंग करेगा और वापस चिट्ठी लिखेगा.

यह बिल्कुल 100 फीसदी फर्जीवाड़ा है.” उन्होंने सवाल उठाया कि अगर बीजेपी इस बैन को हटाना चाहती, तो अब तक हटा चुकी होती. “भाजपा अब भाजपा को ही चिट्ठी लिख रही है. अगर फैसला लेना होता, तो ले चुके होते. सुप्रीम कोर्ट जाना भी सिर्फ केस को खारिज कराने के लिए है, ताकि कोर्ट के आदेश के पीछे छिप सकें.

सुप्रीम कोर्ट का बहाना

आतिशी ने बीजेपी की सुप्रीम कोर्ट जाने की रणनीति पर तंज कसा. उन्होंने कहा, “भाजपा सुप्रीम कोर्ट में इतनी आस्था कहां से आ गई? क्योंकि भाजपा सुप्रीम कोर्ट के बड़े-बड़े आदेशों के बाद अध्यादेश और कानून लाई है. दिल्ली सर्विसेज पर सुप्रीम कोर्ट की संविधान पीठ का फैसला 8 साल बाद आया और 8 दिन में भाजपा की केंद्र सरकार अध्यादेश ले आई. लेकिन जब पुरानी गाड़ियों, मिडिल क्लास, बुजुर्गों, महिलाओं की बात आई, तो भाजपा कहती है कि हम सुप्रीम कोर्ट को मानते हैं और सुप्रीम कोर्ट जाएंगे.”

उन्होंने आगे कहा, “दरअसल, भाजपा चाहती है कि सुप्रीम कोर्ट उनकी अर्जी खारिज करे, फिर मुख्यमंत्री हाथ खड़े करके कहें कि कोर्ट का आदेश है. जब झुग्गियां तोड़ते हैं, तो कहते हैं कि कोर्ट का आदेश है. यह नहीं बताते कि खुद आदेश लेने कोर्ट गए थे.”

 आप की मांग: तत्काल कानून लाए बीजेपी

आतिशी ने स्पष्ट मांग रखी कि बीजेपी को अगले एक हफ्ते में 10 साल पुरानी गाड़ियों पर बैन हटाने के लिए कानून लाना चाहिए. “आप की मांग है कि 10 साल पुरानी गाड़ियों पर तुरंत कानून लाया जाए. मिडिल क्लास, बुजुर्गों, महिलाओं के सिर पर लटकती तलवार हटे, जो किसी भी दिन उनकी गाड़ी जब्त कर सकती है, पेट्रोल बंद कर सकती है, घर से निकलना असुरक्षित कर सकती है या लाखों का खर्चा ला सकती है. इस तलवार को सिर्फ कानून ठीक कर सकता है.”

उन्होंने कहा कि अगर बीजेपी दिल्ली विधानसभा का विशेष सत्र बुलाकर या अध्यादेश के जरिए यह कानून लाती है, तो आम आदमी पार्टी उसका पूरा समर्थन करेगी. “अगर कल विधानसभा सत्र बुलाना चाहें या अध्यादेश से गाड़ियां बचाना चाहें, तो विपक्ष तैयार है. लेकिन अगर कानून नहीं आया, तो यह तलवार लटकती रहेगी और सुप्रीम कोर्ट किसी भी अर्जी को खारिज कर देगा.”

 बीजेपी की सांठगांठ का आरोप

आतिशी ने बीजेपी पर वाहन निर्माताओं, डीलरों और स्क्रैपर्स के साथ मिलीभगत का गंभीर आरोप लगाया. उन्होंने कहा, “अगर वे मिडिल क्लास, महिलाओं, बुजुर्गों को बचाने के लिए कानून नहीं लाते, तो साफ है कि उनकी कार मैन्युफैक्चरर्स, डीलर्स, स्क्रैपर्स के साथ सांठगांठ है. यह दिल्ली वालों को साफ दिखेगा.”

उन्होंने बीजेपी की “चार इंजन की सरकार” पर निशाना साधते हुए कहा कि एमसीडी, दिल्ली सरकार, पुलिस, सीएक्यूएम और केंद्र सरकार सब उनके नियंत्रण में हैं. “जैसे वे 8 दिन में सुप्रीम कोर्ट के फैसले के खिलाफ अध्यादेश लाए, वैसे ही वे कानून ला सकते हैं. अगर उनके कानूनी सलाहकार कहते हैं कि दिल्ली विधानसभा से नहीं पास होगा, तो संसद से पास करें. केंद्र सरकार से अध्यादेश लाएं.”