Delhi Flood: दिल्ली इन दिनों बाढ़ और लगातार बारिश की वजह से बुरी तरह प्रभावित है. यमुना नदी इस सीजन में अपने सबसे ऊंचे स्तर पर बह रही है. नदी से लेकर नाले तक हर जगह पानी ही पानी है. हालात इतने बिगड़ चुके हैं कि सिविल लाइंस जैसे पॉश इलाकों में लोग नाव से आ-जा रहे हैं. हजारों लोगों को अपने घर छोड़कर राहत शिविरों और सुरक्षित स्थानों पर शरण लेनी पड़ी है .
गुरुवार देर रात यमुना का जलस्तर 207.47 मीटर तक पहुंच गया था. शुक्रवार सुबह यह घटकर 207.33 मीटर हो गया. अनुमान है कि धीरे-धीरे और गिरावट आएगी, लेकिन फिलहाल नदी अब भी खतरे के निशान (205. 33 मीटर) से ऊपर बह रही है. हथिनीकुंड बैराज से हर घंटे लाखों क्यूसेक पानी छोड़ा जा रहा है, जिससे हालात और बिगड़ सकते हैं.
#WATCH दिल्ली: यमुना नदी का जलस्तर खतरे के निशान से ऊपर है। ड्रोन वीडियो सिग्नेचर ब्रिज से है। pic.twitter.com/SypTC5ZmDv
— ANI_HindiNews (@AHindinews) September 5, 2025Also Read
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कश्मीरी गेट, मुखर्जी नगर, सिविल लाइंस और नेहरू विहार जैसे इलाकों में गलियों और पार्कों में 2 से 3 फीट तक पानी भर चुका है. जिन इलाकों में पानी ज्यादा भर गया है, वहां लोग अपने घरों से सामान समेटकर बाहर निकल गए हैं. कई इलाकों में ट्रैक्टर और नाव की मदद से लोगों और मवेशियों को सुरक्षित स्थानों तक पहुंचाया जा रहा है.
#WATCH दिल्ली: यमुना नदी उफान पर है पानी खतरे के निशान से ऊपर बह रही है।
— ANI_HindiNews (@AHindinews) September 5, 2025
वीडियो पुराने लोहे के पुल से ड्रोन से लिया गया। pic.twitter.com/OeNA6pykVl
बेला रोड और सिविल लाइंस के बाजारों में पानी घुस गया है. दुकानदारों का कहना है कि उनका लाखों रुपये का सामान बर्बाद हो गया है. लोगों को घर और दुकान छोड़कर अस्थायी शिविरों में रहना पड़ रहा है. छात्रों और किराएदारों की मुश्किलें मुखर्जी नगर और नेहरू विहार इलाके में रह रहे ज्यादातर स्टूडेंट्स पानी भरने की वजह से परेशान हैं. हकीकत नगर में हालात और बिगड़े हुए हैं, यहां तो बिजली तक काट दी गई है ताकि शॉर्ट सर्किट से कोई हादसा न हो. अंधेरे और पानी में लोग बेहद मुश्किल हालात में जी रहे हैं .
तेज बारिश और यमुना के उफान ने दिल्ली का सीवरेज सिस्टम भी चौपट कर दिया है. छत्रसाल और मॉडल टाउन का सीवेज पानी मुखर्जी नगर की ओर बह रहा है. इससे बदबू और गंदगी फैल रही है, जिसके चलते बीमारियों का खतरा बढ़ गया है. राहत शिविरों में मच्छरों से बचाव के लिए फॉगिंग करवाई जा रही है और दवाइयां भी बांटी जा रही हैं.