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India Daily

दिल्ली की AQI में मामूली सुधार, लेकिन अभी भी इन जगहों पर 'खराब' श्रेणी में बनी है प्रदूषण की स्थिति

दिल्ली में वायु गुणवत्ता में मामूली सुधार हुआ है, लेकिन हवा अब भी 'खराब' श्रेणी में बनी हुई है. शनिवार सुबह औसत AQI 257 दर्ज किया गया. आनंद विहार और अन्य औद्योगिक क्षेत्रों में प्रदूषण गंभीर श्रेणी तक पहुंच गया है.

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Edited By: Km Jaya
Air Pollution
Courtesy: Pinterest

नई दिल्ली: दिल्ली में शनिवार सुबह वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) में थोड़ी सुधार की स्थिति दर्ज की गई, लेकिन हवा अब भी 'खराब' श्रेणी में बनी रही. राजधानी क्षेत्र (NCR) में हवा की गति बढ़ने से प्रदूषण स्तर में कुछ गिरावट आई है. केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (CPCB) के अनुसार शनिवार सुबह 6 बजे तक दिल्ली का औसत AQI 257 दर्ज किया गया.

CPCB के मानकों के अनुसार, AQI 0 से 51 के बीच 'अच्छा', 51 से 100 के बीच 'संतोषजनक', 101 से 200 के बीच 'मध्यम', 201 से 300 के बीच 'खराब', 301 से 400 के बीच 'अत्यधिक खराब' और 401 से 500 के बीच 'गंभीर' श्रेणी में आता है. केंद्रीय सरकार के अंतर्गत आने वाले वायु गुणवत्ता पूर्व चेतावनी प्रणाली (EWS) के अनुसार, अगले छह दिनों तक दिल्ली का  AQI 'खराब' और 'बहुत खराब' के बीच उतार-चढ़ाव कर सकता है. यह दर्शाता है कि हवा में सुधार अस्थायी है और प्रदूषण की स्थिति अभी भी चिंताजनक बनी हुई है.

इन क्षेत्रों में प्रदूषण का स्तर

दिल्ली के आनंद विहार में वायु गुणवत्ता सबसे खराब रही, जहां AQI 411 दर्ज किया गया, जो 'गंभीर' श्रेणी में आता है. वहीं बवाना (318), चांदनी चौक (309), जहांगीरपुरी (302), पंजाबी बाग (301), विवेक विहार (302), शादिपुर (328) और वजीरपुर (323) जैसे क्षेत्रों में हवा 'अत्यधिक खराब' श्रेणी में रही. अलीपुर (291), अशोक विहार (279), बुराड़ी (288), मथुरा रोड (255), द्वारका सेक्टर-8 (269), आईजीआई एयरपोर्ट (229), लोदी रोड (213), और रोहिणी (274) जैसे क्षेत्रों में AQI 'खराब' श्रेणी में दर्ज हुआ. दिल्ली टेक्नोलॉजिकल यूनिवर्सिटी (DTU-180), नजफगढ़ (182) और श्री औरोबिंदो मार्ग (176) में AQI ‘मध्यम’ श्रेणी में रहा, जिससे इन इलाकों में थोड़ी राहत दिखी.

एनसीआर में प्रदूषण की स्थिति

नोएडा में AQI 274, ग्रेटर नोएडा में 259, गाजियाबाद में 283 और गुरुग्राम में AQI 223 रहा, जो 'खराब' श्रेणी में आता है. वहीं फरीदाबाद में AQI 198 दर्ज किया गया, जो 'मध्यम' श्रेणी में है. पर्यावरण विशेषज्ञों का कहना है कि यदि हवा की गति और मौसम का रुख अनुकूल रहा तो आने वाले दिनों में थोड़ी और राहत मिल सकती है, लेकिन अगर मौसम की स्थिति नियंत्रण में नहीं रहती है तो प्रदूषण फिर से बढ़ सकता है.