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Delhi MCD By-Election Result: बीजेपी को 2 सीटों का नुकसान, दिल्ली के 12 वार्डों में 7 पर मिली जीत, AAP ने बचाए गढ़

दिल्ली एमसीडी उपचुनाव के नतीजों में बीजेपी ने 7, आम आदमी पार्टी ने 3 और कांग्रेस ने 1 सीट जीती है. 38.51 प्रतिशत मतदान वाले इस उपचुनाव में एक सीट पर निर्दलीय उम्मीदवार भी जीता है.

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Edited By: Km Jaya
Delhi MCD Bypoll Results India daily
Courtesy: @ANI x account

नई दिल्ली: दिल्ली नगर निगम के 12 वार्डों में हुए उपचुनाव के नतीजे सामने आ गए हैं, जिसमें भारतीय जनता पार्टी ने सात सीटों पर जीत दर्ज की है. आम आदमी पार्टी को तीन सीटें मिली हैं, जबकि कांग्रेस एक सीट पर जीत हासिल करने में सफल रही है. इसके अलावा एक सीट पर निर्दलीय उम्मीदवार ने कब्जा किया है. कुल 12 वार्डों में हुए उपचुनाव में 38.51 प्रतिशत मतदान हुआ था. 

यह मतदान प्रतिशत साल 2022 में हुए एमसीडी चुनावों के मुकाबले काफी कम है, जब 50.47 प्रतिशत वोट पड़े थे. इन 12 सीटों में से नौ सीटें पहले भारतीय जनता पार्टी के पास थीं, इसलिए इस उपचुनाव में पार्टी को कुछ नुकसान झेलना पड़ा है. उपचुनाव वाली सीटों में मुंडका, शालीमार बाग बी, अशोक विहार, चांदनी चौक, चांदनी महल, द्वारका बी, ढिचाऊ कलां, नारायणा, संगम विहार ए, दक्षिणपुरी, ग्रेटर कैलाश और विनोद नगर शामिल हैं.

कुल कितने उम्मीदवार मैदान में थे?

कुल 51 उम्मीदवार मैदान में थे, जिनमें 26 महिलाएं और 25 पुरुष शामिल थे. यह उपचुनाव दिल्ली के राजनीतिक वातावरण में एक अहम संकेत माना जा रहा था, क्योंकि विधानसभा चुनाव में बीजेपी की बड़ी जीत के बाद यह पहली बड़ी परीक्षा थी. फाइनल नतीजों में बीजेपी सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी है, जिसने 12 में से 7 सीटों पर जीत दर्ज की है. 

बीजेपी का कैसा रहा प्रदर्शन?

हालांकि पार्टी को दो सीटों पर नुकसान हुआ है, जिन्हें पहले भाजपा ने जीता था. इसके बावजूद बीजेपी का प्रदर्शन दर्शाता है कि निगम चुनावों में उसकी पकड़ अब भी मजबूत बनी हुई है. आम आदमी पार्टी को तीन सीटें मिली हैं, जो उसके लिए सीमित राहत का काम करती हैं, क्योंकि पार्टी पहले निगम पर नियंत्रण रख चुकी है.

कांग्रेस ने किस सीट पर दर्ज की जीत?

कांग्रेस ने संगम विहार ए सीट पर जीत दर्ज कर अपनी मौजूदगी दर्ज कराई है, हालांकि उसका कुल प्रदर्शन कमजोर माना जा रहा है. एक सीट पर निर्दलीय उम्मीदवार की जीत से इस उपचुनाव में स्थानीय मुद्दों की महत्वता भी साफ झलकती है.  राजनीतिक विशेषज्ञों का मानना है कि इन परिणामों से दिल्ली के मतदाताओं का मौजूदा रुझान स्पष्ट होता है और यह आने वाले चुनावों पर भी असर डाल सकता है.