नई दिल्ली: दिल्लीवासी एक राहत के बाद फिर से गंभीर हवा प्रदूषण का सामना कर रहे हैं. शुक्रवार को राजधानी की हवा ‘बहुत खराब’ श्रेणी में पहुंच गई, जहाँ औसत AQI 292 रहा. पिछले दो दिनों के छोटे सुधार के बाद यह गिरावट चिंता बढ़ा रही है. CPCB के डेटा के अनुसार 39 वायु गुणवत्ता निगरानी स्टेशनों में से 22 ने AQI 300 से ऊपर दर्ज किया, जो ‘बहुत खराब’ श्रेणी में आता है.
आनंद विहार, जहांगीरपुरी और बवाना जैसे इलाकों में हालात और भी गंभीर रहे. मॉनिटरिंग रिपोर्ट से पता चलता है कि प्रदूषण के ज़रिये शहर हवा की सफाई को बनाए रखने में संघर्ष कर रहा है, जिसमें स्थानीय उत्सर्जन और बाहरी स्रोत दोनों मुख्य भूमिका निभा रहे हैं.
दिल्ली के विभिन्न हिस्सों में हवा की गुणवत्ता काफी खराब नजर आई, जहाँ आनंद विहार में AQI 377, जहांगीरपुरी 372, बवाना 363 और अशोक विहार 333 दर्ज हुआ. बाकी मॉनिटरिंग स्टेशन ‘खराब’ से लेकर ‘मध्यम’ श्रेणी में थे. CPCB के मानदंडों के अनुसार 301-400 तक ‘बहुत खराब’ और 401 से ऊपर ‘सीवियर’ माना जाता है. राजधानी में फिर से वायु प्रदूषण का स्तर चिंता का सबब बन चुका है.
एयर क्वॉलिटी मैनेजमेंट के Decision Support System के आंकड़ों से स्पष्ट हुआ कि वाहनों के उत्सर्जन ने दिल्ली के प्रदूषण में सबसे बड़ा योगदान दिया और यह 18.5% तक पहुंच गया. इसके बाद दिल्ली और आसपास के औद्योगिक जोन से आने वाला धुआं 9.5%, निर्माण गतिविधियों से 2.5% और कूड़ा जलाने से 1.6% प्रदूषण में योगदान रहा. विशेषज्ञों का कहना है कि वाहन प्रदूषण रोकना अब प्राथमिकता होनी चाहिए.
राजधानी के बाहर के एनसीआर जिलों से आने वाला प्रदूषण भी हवा की गुणवत्ता को प्रभावित कर रहा है. हरियाणा के झज्जर से 17.6% प्रदूषण दिल्ली में दर्ज हुआ, उसके बाद रोहतक 5.9% और सोनीपत 3.1% रहा. यह आंकड़ा स्पष्ट करता है कि केवल दिल्ली के अंदर नियंत्रण पर्याप्त नहीं है, बल्कि आसपास के जिलों में भी प्रदूषण नियंत्रण योजनाओं को सख्ती से लागू करना ज़रूरी है.
मौसम के हालात ने इस बार प्रदूषण से लड़ने में ज्यादा मदद नहीं की. हवा की दिशा उत्तर-पश्चिमी थी लेकिन उसकी गति कमजोर रही, जिसकी वजह से प्रदूषक कण फैलने की बजाय एकत्र हो गए. IMD के अनुसार दिन का तापमान 22.6°C रहा, जो सामान्य से लगभग 2 डिग्री ऊपर है, जबकि न्यूनतम 6.5°C रहा. सुबह के समय मध्यम धुंध की संभावना बनी हुई है, जिससे प्रदूषण स्तर और बुरा महसूस हो सकता है.
इस माह दिल्ली ने चार ‘खराब’ हवा वाले दिन देखे हैं और कोई ‘संतोषजनक’ दिन नहीं रहा. सबसे हाल का ‘सीवियर’ दिन मंगलवार को देखा गया, जब AQI 412 तक पहुंच गया था. पिछले दिसंबर महीने में आठ ‘खराब’ और संतोषजनक दिनों का मिलाजुला रिकॉर्ड रहा था. विशेषज्ञ चेतावनी दे रहे हैं कि अगर प्रदूषण नियंत्रण में प्रशासनिक और सामाजिक स्तर पर कदम नहीं उठाए गए, तो आने वाले दिनों में ‘बहुत खराब’ स्तर और अधिक बढ़ सकता है.