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India Daily

दिल्ली की हवा बदहाल! अमिताभ कांत ने सुप्रीम कोर्ट की पटाखों वाली फैसले पर जताई चिंता

Delhi air pollution: दिवाली के अगले दिन राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में वायु गुणवत्ता में भारी गिरावट आई. पूरा शहर धुंध की चपेट में है. जी20 शिखर सम्मेलन 2023 के लिए भारत के शेरपा और नीति आयोग के पूर्व सीईओ अमिताभ कांत ने बिगड़ती वायु गुणवत्ता पर चिंता व्यक्त की है. उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय राजधानी में वायु गुणवत्ता वर्तमान में "विनाशकारी" है. उन्होंने आगे कहा कि कई प्रमुख क्षेत्रों में AQI 400 को पार कर गया है.

Delhi air pollution
Courtesy: Credit: AI

Delhi air pollution: देश की राजधानी दिल्ली एक बार फिर घने धुंध की चपेट में है. वायु गुणवत्ता बेहद खराब स्तर पर पहुंच चुकी है. इसी बीच भारत के G20 समिट 2023 के शेरपा और नीति आयोग के पूर्व सीईओ अमिताभ कांत ने राजधानी की बिगड़ती हवा को लेकर कड़ी प्रतिक्रिया दी है. उन्होंने कहा कि दिल्ली की हवा “बदहाल” हो चुकी है और अब केवल “कठोर और निरंतर कार्रवाई” ही शहर को इस प्रदूषण संकट से बचा सकती है.

अमिताभ कांत ने एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर लिखा, “दिल्ली की वायु गुणवत्ता पूरी तरह चरमरा गई है. 38 में से 36 मॉनिटरिंग स्टेशन ‘रेड जोन’ में हैं. कई प्रमुख इलाकों में AQI 400 के पार पहुंच गया है. माननीय सुप्रीम कोर्ट ने अपनी बुद्धिमत्ता में पटाखे फोड़ने के अधिकार को जीने और सांस लेने के अधिकार से ऊपर रखा है.”

उन्होंने आगे कहा, “दिल्ली दुनिया की सबसे प्रदूषित राजधानियों में बनी हुई है. अगर लॉस एंजेलिस, बीजिंग और लंदन जैसे शहर अपने प्रदूषण पर नियंत्रण पा सकते हैं, तो दिल्ली क्यों नहीं कर सकती? केवल कठोर और निरंतर कार्रवाई ही इस स्वास्थ्य और पर्यावरणीय आपदा से शहर को बचा सकती है.”

कांत ने यह भी सुझाव दिया कि दिल्ली को बचाने के लिए एकीकृत कार्ययोजना जरूरी है. इसमें फसल और बायोमास जलाने पर रोक, पुराने थर्मल पावर प्लांट्स और ईंट भट्टों को बंद या आधुनिक तकनीक से लैस करना, 2030 तक पूरे परिवहन को इलेक्ट्रिक में बदलना, निर्माण स्थलों पर सख्त धूल नियंत्रण, कचरे का पूर्ण पृथक्करण और प्रसंस्करण, तथा शहर को हरित और पैदल चलने योग्य डिजाइन करने जैसे कदम शामिल हैं. उन्होंने कहा, “केवल इसी तरह की निर्णायक और लगातार कार्रवाई से दिल्ली को फिर से नीला आसमान और सांस लेने लायक हवा मिल सकती है.”

क्यों दिए अमिताभ कांत ने ये बयान?

दिल्ली-एनसीआर क्षेत्र ने हाल ही में घने स्मॉग की परत में लिपटी सुबह देखी. लगातार पटाखे जलाने के कारण हवा की स्थिति और खराब हो गई. केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (CPCB) के अनुसार, दिल्ली का वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) 357 दर्ज किया गया, जो ‘बहुत खराब’ श्रेणी में आता है.

यह स्थिति उस समय बनी जब सुप्रीम कोर्ट ने पटाखों पर लगे प्रतिबंध को हटाते हुए ‘ग्रीन पटाखों’ के सीमित उपयोग की अनुमति दी थी. अदालत ने कहा था कि वह “संतुलित दृष्टिकोण” अपना रही है ताकि दोनों पक्षों के हितों का ध्यान रखा जा सके. हालांकि, अदालत द्वारा तय किए गए समय सुबह 6 से 7 बजे और रात 8 से 10 बजे का पालन कई जगहों पर नहीं किया गया और देर रात तक पटाखे फूटते रहे.