Union Minister Ramdas Athawale Statement: केंद्रीय मंत्री रामदास अठावले ने महाराष्ट्र में चल रहे भाषा विवाद पर बड़ा बयान दिया है. छत्तीसगढ़ के रायपुर दौरे के दौरान मंगलवार को रायपुर हवाई अड्डे पर पत्रकारों से बातचीत में उन्होंने कहा, "हिंदी हमेशा से हमारी राष्ट्रीय भाषा रही है और हम इसका सम्मान करते हैं." हालांकि उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि पहली कक्षा से हिंदी को अनिवार्य करने की आवश्यकता नहीं है. अठावले ने कहा कि छह-सात साल की उम्र से बच्चे स्थानीय भाषाओं में पढ़ाई करते हैं और हाई स्कूल व कॉलेज स्तर पर हिंदी पढ़ाई जा सकती है.
महाराष्ट्र में चल रहे भाषा विवाद पर रामदास अठावले ने जानें क्या कहा?
महाराष्ट्र में त्रिभाषा नीति को लेकर विवाद तब शुरू हुआ, जब सरकार ने मराठी और अंग्रेजी माध्यम के स्कूलों में पहली से पांचवीं कक्षा तक हिंदी को तीसरी भाषा के रूप में अनिवार्य करने का आदेश जारी किया था. इस फैसले का शिवसेना नेता उद्धव ठाकरे और महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना के प्रमुख राज ठाकरे ने कड़ा विरोध किया. विरोध बढ़ने पर मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने 24 जून को इस नीति को वापस लेने की घोषणा की और शिक्षाविद् डॉ. नरेंद्र जाधव की अध्यक्षता में एक समिति गठित की, जो तीन महीने में अपनी रिपोर्ट देगी.
#WATCH | Raipur, Chhattisgarh: On the Maharashtra three-language formula controversy, Union Minister Ramdas Athawale says "There was a controversy in Maharashtra regarding the three-language formula. Hindi has always been our national language, and we respect it, but some people… pic.twitter.com/F2zfEdQsoF
— ANI (@ANI) July 1, 2025
'हिंदी का सम्मान करना जरूरी'
अठावले ने फडणवीस सरकार के इस कदम की सराहना करते हुए कहा, "फडणवीस सरकार ने कोई आंदोलन होने से पहले ही इस नीति को रद्द कर एक बड़ा कदम उठाया." उन्होंने यह भी कहा कि मराठी स्कूलों में अन्य भाषाओं को पढ़ाने की जरूरत पर कुछ लोगों ने सवाल उठाए, लेकिन हिंदी का सम्मान करना जरूरी है. इससे पहले अठावले ने 26 जून को मुंबई में उद्धव और राज ठाकरे पर निशाना साधते हुए कहा था कि हिंदी का विरोध करना असंवैधानिक है. उन्होंने जोर देकर कहा था कि हिंदी एक सामान्य भाषा है, जो कई राज्यों में बोली जाती है और इसका विरोध नहीं करना चाहिए..