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छत्तीसगढ़ के सुकमा में माओवादियों का तांडव, लैंड माइंस विस्फोट में 3 जवान शहीद

एक वरिष्ठ अधिकारी ने पुष्टि की, 'तीनों पीड़ित कांस्टेबल रैंक के ग्रेहाउंड जूनियर कमांडो हैं. कोई अन्य हताहत नहीं हुआ है. यह घटना एक नियमित क्षेत्र वर्चस्व अभ्यास के दौरान हुई. यह सीआरपीएफ या पड़ोसी राज्य पुलिस के साथ किसी संयुक्त अभियान का हिस्सा नहीं था.' मारे गए कमांडो के शव रिपोर्टिंग के समय तक जिला मुख्यालय नहीं पहुंचे थे.

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Edited By: Reepu Kumari
Landmine explosion in Sukma, Chhattisgarh, 3 soldiers martyred
Courtesy: Google representational photo

Chhattisgarh Landmine explosion:  तेलंगाना-छत्तीसगढ़ सीमा पर माओवादियों का आतंक बढ़ता ही जा रहा है.बारूदी सुरंग विस्फोट में गुरुवार सुबह नक्सल विरोधी विशेष बल ग्रेहाउंड्स के तीन जूनियर कमांडो की मौत हो गई. यह घटना माओवादी विरोधी अभियानों में तेलंगाना पुलिस के लिए इस साल की पहली मौत है. तेलंगाना के वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों के अनुसार, जब वीरभद्रवरम-ताडपला पहाड़ियों के पास विस्फोट हुआ, तब कमांडो मुलुगु जिले के वजीदु-पेरुर वन क्षेत्र में नियमित क्षेत्र प्रभुत्व अभ्यास में लगे हुए थे.

एक वरिष्ठ अधिकारी ने पुष्टि की, 'तीनों पीड़ित कांस्टेबल रैंक के ग्रेहाउंड जूनियर कमांडो हैं. कोई अन्य हताहत नहीं हुआ है. यह घटना एक नियमित क्षेत्र वर्चस्व अभ्यास के दौरान हुई. यह सीआरपीएफ या पड़ोसी राज्य पुलिस के साथ किसी संयुक्त अभियान का हिस्सा नहीं था.' मारे गए कमांडो के शव रिपोर्टिंग के समय तक जिला मुख्यालय नहीं पहुंचे थे.

पुलिस ने अभी तक मृतक कर्मियों की आधिकारिक पहचान नहीं की है. मुलुगु और इसके निकटवर्ती भद्राद्री-कोठागुडेम जिले को छत्तीसगढ़ से निकटता के कारण तेलंगाना का सबसे अधिक माओवादी प्रभावित क्षेत्र माना जाता है. 2025 तक, 250 से अधिक माओवादी - जिनमें से अधिकांश छत्तीसगढ़ से हैं - दोनों जिलों में पुलिस के सामने आत्मसमर्पण कर चुके हैं.

22 माओवादियों को किया ढेर

छत्तीसगढ़ के बीजापुर जिले में सुरक्षा बलों द्वारा बड़े पैमाने पर आतंकवाद विरोधी अभियान ऑपरेशन संकल्प के तहत मुठभेड़ के दौरान 22 माओवादियों को मार गिराने के एक दिन बाद यह घातक विस्फोट हुआ. यह अभियान कर्रेगुट्टा वन क्षेत्र में फैला था, जो बीजापुर, मुलुगु और भद्राद्री-कोठागुडेम की अंतर-राज्यीय सीमाओं तक फैला हुआ है. यद्यपि तेलंगाना पुलिस ने आधिकारिक तौर पर ऑपरेशन कगार या संकल्प में भाग नहीं लिया है, फिर भी वे अपने क्षेत्र में माओवादी गतिविधियों पर कड़ी निगरानी रख रहे हैं.