छत्तीसगढ़: छत्तीसगढ़ के कांकेर में धर्मांतरण को लेकर तनाव बढ़ता ही जा रहा है. धार्मिक स्थलों में हुई तोड़फोड़ के बाद सर्व समाज ने प्रदेशव्यापी बंद का आवाहन किया था. इस बंद को समर्थन चेंबर ऑफ कॉमर्स ने भी दिया था. बंद का आह्वान कांकेर जिले के आमाबेड़ा में हुई हिंसा और कथित धर्म परिवर्तन के विरोध में सर्व समाज के द्वारा किया गया था. इस बंद के बीच हिंदू संगठनों के कार्यकर्ता सड़कों पर भी उतर आए थे.
रायपुर में भी कानून-व्यवस्था की स्थिति बिगड़ी थी, जब हिंदू संगठनों के कार्यकर्ताओं ने आक्रामक रुख अपनाया. उन्होंने कटोरा तालाब स्थित ब्लिंकिट आफिस में घुसकर कर्मचारियों के साथ मारपीट की. एक कार्यकर्ता द्वारा कर्मचारी को लाठी से पीटते हुए सीसीटीवी में कैद वीडियो सामने आया था. इसके अलावा जीई रोड स्थित मैग्नेटो माल में भी तोड़फोड़ की गई. क्रिसमस के अवसर पर की गई सजावट को नुकसान पहुंचाया गया था.
सरकारी योजनाओं का नहीं मिला फायदा
स्थानीय लोगों और नेताओं का आरोप है कि धर्म परिवर्तन करने के लिए अब हिन्दू परिवारों के 'किचन' तक घुस रहे हैं. वहीं धर्मांतरित हुए लोगों ने सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि उन्हें कभी सरकारी योजनाओं का फायदा नहीं मिला. इस मामले पर बीजेपी नेताओं का कहना है कि जल जीवन जैसे योजनाएं नक्सलवाद के कारण बाधित थी.
भाजपा अनुसूचित जनजाति मोर्चा के जिला अध्यक्ष ईश्वर कावड़े ने कहा कि धर्मांतरण केवल धर्म बदलना नहीं, बल्कि हमारी परंपरओं को ख़त्म करने की शाजिश है. शासन प्रशासन 'डी-लिस्टिंग' की प्रक्रिया शुरू करें ताकि यह स्पष्ट हो सके कि कौन ईसाई बन चुका है और कौन जनजातीय परंपराओं का पालन कर रहा है. नेताओं ने स्वीकार किया कि नक्सलवाद के कारण बस्तर के कुछ अंदरूनी इलाकों में जल जीवन मिशन जैसी योजनाएं प्रभावित हुईं, जिसका फायदा मिशनरियों ने उठाया.
सीएम ने की थी घटनाओं की निंदा
आमाबेड़ा की घटना पर सीएम साय ने भी दुख जताया था. सीएम ने कहा कि किसी की गरीबी, किसी की अज्ञानता का लाभ उठाकर उसका धर्मांतरण करना उचित नहीं है, ये गलत है. सीएम ने कहा कि इन्ही सब बातों को लेकर सर्व समाज ने बंद किया था.