Chhattsigarh News: छत्तीसगढ़ के बालोद जिले से रविवार 7 सितंबर को धर्मांतरण का सनसनीखेज मामला सामने आया है. जानकारी के मुताबिक , गुंडरदेही-धमतरी रोड पर स्थित एक घर में ईसाईयों की प्रार्थना सभा चल रही थी. बताया जा रहा है कि इस सभा की आड़ में हिंदुओं को धर्म बदलने के लिए तैयार किया जा रहा था.
सूचना मिलते ही हिंदू संगठनों के लोग मौके पर पहुंच गए और हंगामा शुरू हो गया. पुलिस भी तुरंत पहुंची और स्थिति को संभाला. पूछताछ के बाद पुलिस ने पास्टर समेत 8 लोगों को गिरफ्तार कर लिया है.
हिंदू संगठनों का आरोप है कि इस प्रार्थना सभा के जरिए करीब 40-50 हिंदुओं को ईसाई धर्म अपनाने के लिए फुसलाया जा रहा था. जैसे ही यह खबर फैली , संगठन के कार्यकर्ता मौके पर पहुंच गए और पुलिस से तीखी बहस भी हुई. इसके बाद पुलिस ने कार्रवाई करते हुए करीब 22 लोगों को थाने ले जाकर पूछताछ की और मुख्य आरोपी पास्टर समेत 8 लोगों को जेल भेज दिया.
विश्व हिंदू परिषद VHP के जिलाध्यक्ष बलराम गुप्ता ने इस पूरे मामले को एक 'धर्मांतरण रैकेट' करार दिया है. उन्होंने कहा कि गरीब और बीमार हिंदुओं को चमत्कार दिखाकर और आर्थिक मदद का झांसा देकर बरगलाया जाता है. जिस घर में रविवार को सभा हुई , वहां पादरी को बैठाने के लिए खास इंतजाम किया गया था ताकि लोग प्रभावित हों. गुप्ता ने पुलिस से मांग की कि ऐसे मामलों में सख्त कार्रवाई की जाए , वरना संगठन बड़ा आंदोलन करेगा.
इसी बीच एक और मामला भी सामने आया है. सिविल लाइन क्षेत्र के भारतीय नगर की एक महिला अपने बेटे के साथ थाने पहुंची और अपने पति के खिलाफ शिकायत दर्ज करवाई. महिला का आरोप है कि उसका पति उसे और पूरे परिवार को ईसाई धर्म अपनाने के लिए मजबूर कर रहा है. न सिर्फ इतना , बल्कि घर पर ईसाई तरीके से प्रार्थना करने का दबाव भी डालता है.
महिला ने पुलिस से सुरक्षा की गुहार लगाई है. फिलहाल पुलिस ने केस दर्ज कर जांच शुरू कर दी है. यह घटना छत्तीसगढ़ में धर्मांतरण के बढ़ते मामलों पर बड़ा सवाल खड़ा करती है. अब देखना होगा कि पुलिस आगे इस पूरे रैकेट की परतें कब तक खोल पाती है.