Bihar assembly election 2025: बिहार की राजनीति एक बार फिर तेजस्वी यादव के नाम पर गरमा गई है. महागठबंधन ने आगामी विधानसभा चुनाव के लिए आरजेडी नेता तेजस्वी यादव को मुख्यमंत्री पद का चेहरा घोषित कर दिया, जिसके बाद सत्ताधारी गठबंधन के नेताओं ने विपक्ष पर तीखा हमला बोला है.
उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी ने इस ऐलान को लोकतंत्र का 'काला दिन' बताया, जबकि प्रशांत किशोर ने कहा कि 'जंगल राज में यही उम्मीद थी.'
महागठबंधन के प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान तेजस्वी यादव को सर्वसम्मति से मुख्यमंत्री पद का चेहरा घोषित किया गया. मंच पर आरजेडी, कांग्रेस और अन्य सहयोगी दलों के नेता मौजूद थे. तेजस्वी के साथ विकासशील इंसान पार्टी (वीआईपी) प्रमुख मुकेश सहनी को उपमुख्यमंत्री पद का प्रत्याशी घोषित किया गया.
सहनी, जिन्हें 'मल्लाह पुत्र' के नाम से जाना जाता है, बीते वर्ष अप्रैल में लंबी बातचीत के बाद महागठबंधन में शामिल हुए थे. यह घोषणा विपक्षी एकता के प्रदर्शन के रूप में की गई, लेकिन सत्ता पक्ष ने इसे लोकतंत्र के साथ खिलवाड़ बताया.
बिहार के उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी ने कहा कि 'लालू यादव ने गुंडागर्दी के जरिए कांग्रेस और अन्य दलों को दबाकर तेजस्वी को सीएम फेस घोषित किया है, जैसे पहले उन्होंने बिहार में जंगल राज फैलाया था. अब उनका बेटा, जो खुद एक पंजीकृत अपराधी है, मुख्यमंत्री बनने का सपना देख रहा है. यह लोकतंत्र के लिए शर्मनाक दिन है.'
चौधरी के बयान से यह साफ है कि एनडीए इसे आरजेडी के पुराने शासन की वापसी के रूप में देख रहा है, और इस बयानबाजी ने चुनावी माहौल को और तीखा कर दिया है.
#WATCH | Patna, Bihar | On RJD leader Tejashwi Yadav being announced as Mahagathbandhan's CM face, Dy CM Samrat Choudhary says, "Lalu Yadav declared the CM face of Mahagathbandhan through hooliganism torturing Congress and other parties, just the way they spread jungle raaj in… pic.twitter.com/yWFLH6uoIe
— ANI (@ANI) October 23, 2025
जन सुराज पार्टी प्रमुख प्रशांत किशोर ने भी महागठबंधन के फैसले पर सवाल उठाया. उन्होंने कहा, 'अगर लालू यादव का जंगल राज लौटना था तो तेजस्वी यादव का सीएम बनना तो तय था. इसमें नया क्या है?' किशोर का यह बयान विपक्ष की एकता पर व्यंग्य के रूप में देखा जा रहा है, जिसने गठबंधन के अंदर और बाहर दोनों जगह चर्चा छेड़ दी है.
महागठबंधन ने बिहार की 243 विधानसभा सीटों के लिए 253 उम्मीदवार घोषित कर दिए हैं. सीट बंटवारे को लेकर हुए मतभेदों के चलते कई दलों ने समय सीमा से पहले अपने उम्मीदवारों की सूची अलग से दाखिल की. यह स्थिति बताती है कि महागठबंधन के भीतर अभी भी तालमेल की कमी है. वहीं, सत्तारूढ़ एनडीए इस अवसर को विपक्ष की 'अव्यवस्था' के रूप में जनता के सामने पेश कर रहा है.
तेजस्वी यादव का मुख्यमंत्री पद के चेहरे के रूप में ऐलान महागठबंधन की रणनीति में नई जान जरूर डालता है, लेकिन विपक्ष के भीतर मतभेद और सत्ता पक्ष के तीखे हमले यह संकेत देते हैं कि आने वाला चुनाव सिर्फ सीटों का नहीं, बल्कि 'विश्वसनीयता बनाम छवि' का भी संघर्ष होगा.