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तेजस्वी यादव को सीएम का चेहरा बनाने का मतलब 'जंगल राज' की वापसी, प्रशांत किशोर ने लालू राज दिलाया याद

जन सुराज पार्टी के प्रमुख प्रशांत किशोर ने गुरुवार को महागठबंधन द्वारा राजद नेता तेजस्वी यादव को 2025 के बिहार विधानसभा चुनाव के लिए मुख्यमंत्री पद का उम्मीदवार घोषित किए जाने पर तंज कसते हुए कहा कि जंगलराज के दौर में यह कदम हमेशा से अपेक्षित था.

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Edited By: Gyanendra Sharma
Prashant Kishore
Courtesy: Social Media

Bihar Elelction: जन सुराज पार्टी के प्रमुख प्रशांत किशोर ने गुरुवार को महागठबंधन द्वारा राजद नेता तेजस्वी यादव को 2025 के बिहार विधानसभा चुनाव के लिए मुख्यमंत्री पद का उम्मीदवार घोषित किए जाने पर तंज कसते हुए कहा कि जंगलराज के दौर में यह कदम हमेशा से अपेक्षित था.  बिहार में पत्रकारों से बात करते हुए किशोर ने कहा, "हमेशा से यह उम्मीद थी कि अगर लालू यादव का 'जंगलराज' वापस आया, तो तेजस्वी यादव ही मुख्यमंत्री पद का चेहरा होंगे. तो इसमें नया क्या है?"

उन्होंने आगे कहा, "कुछ ही दिनों में तेजस्वी यादव घोषणा करेंगे कि वे बिहार को सोने की लंका में बदल देंगे. लालू यादव के डर से लोग भाजपा को वोट देते हैं, न कि भाजपा को, लेकिन इस बार जनता के पास जन सुराज के रूप में एक मजबूत विकल्प है और जनता इस बार कोई गलती नहीं करेगी. उनकी यह टिप्पणी पटना में महागठबंधन द्वारा गठबंधन सहयोगियों की एक संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस में तेजस्वी यादव को औपचारिक रूप से अपना मुख्यमंत्री पद का उम्मीदवार घोषित करने के तुरंत बाद आई. इस घोषणा के साथ ही अगले साल होने वाले चुनावों से पहले विपक्षी गठबंधन के नेतृत्व के चुनाव को लेकर हफ्तों से चल रही अटकलों का अंत हो गया. तेजस्वी की घोषणा के साथ ही, गठबंधन ने विकासशील इंसान पार्टी (वीआईपी) प्रमुख मुकेश सहनी को भी उपमुख्यमंत्री पद का उम्मीदवार घोषित किया.

"सन ऑफ मल्लाह" के नाम से मशहूर सहनी पिछले साल अप्रैल में लंबी बातचीत के बाद महागठबंधन में शामिल हुए थे. संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस में राष्ट्रीय जनता दल (राजद), कांग्रेस और अन्य सहयोगी दलों के वरिष्ठ नेताओं ने तेजस्वी के नेतृत्व में विश्वास व्यक्त किया और उन्हें बिहार में एनडीए के खिलाफ एकजुट विपक्ष का चेहरा बताया.

एनडीए और महागठबंधन के बीच मुकाबला

जन सुराज यात्रा के तहत बिहार का दौरा कर रहे किशोर ने सत्तारूढ़ एनडीए और महागठबंधन दोनों की अक्सर आलोचना की है और दावा किया है कि कोई भी गठबंधन राज्य के लिए वास्तविक बदलाव का प्रतिनिधित्व नहीं करता है. 2025 के बिहार विधानसभा चुनाव में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) और महागठबंधन के बीच अहम मुकाबला होने वाला है. एनडीए में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा), जनता दल (यूनाइटेड), लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास), हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा (सेक्युलर) और राष्ट्रीय लोक मोर्चा शामिल हैं. 

दूसरी ओर, राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के नेतृत्व वाले महागठबंधन में कांग्रेस, भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (सीपीआई), भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) (सीपीएम), दीपांकर भट्टाचार्य के नेतृत्व वाली भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी-लेनिनवादी) (सीपीआई-एमएल) और मुकेश सहनी की विकासशील इंसान पार्टी (वीआईपी) शामिल हैं. इस बीच, प्रशांत किशोर की जन सुराज पार्टी ने घोषणा की है कि वह राज्य की सभी 243 सीटों पर चुनाव लड़ेगी. चुनाव दो चरणों में होंगे - 6 नवंबर और 11 नवंबर को - और नतीजे 14 नवंबर को घोषित किए जाएंगे.