पटना: बिहार विधानसभा चुनाव 2025 में सिवान की रघुनाथपुर सीट एक बार फिर सुर्खियों में रही, जहां दिवंगत बाहुबली नेता मोहम्मद शहाबुद्दीन के बेटे ओसामा शहाब ने ऐतिहासिक बढ़त के साथ जीत दर्ज की.
26 चरणों की मतगणना के बाद राजद प्रत्याशी ओसामा ने जदयू के विकास कुमार सिंह को निर्णायक अंतर से हराते हुए सीट पर पार्टी की पकड़ बरकरार रखी. इस जीत ने न सिर्फ शहाबुद्दीन परिवार की राजनीतिक वापसी को मजबूत किया, बल्कि रघुनाथपुर के जातीय और राजनीतिक समीकरणों की नई कहानी भी लिख दी.
रघुनाथपुर सीट पर ओसामा शहाब की जीत ने साबित कर दिया कि दिवंगत बाहुबली सांसद शहाबुद्दीन का प्रभाव अभी भी सिवान की राजनीति में जीवित है. 26 राउंड की गिनती के बाद ओसामा को 88,278 वोट मिले और उन्होंने जदयू प्रत्याशी विकास कुमार सिंह को 9,248 मतों के अंतर से पराजित किया. शुरुआती राउंड से ही बढ़त बनाते हुए ओसामा लगातार मजबूती से आगे बढ़ते रहे. यह जीत राजद के लिए केवल चुनावी सफलता नहीं, बल्कि क्षेत्र में उसकी सामाजिक पकड़ का भी प्रतीक मानी जा रही है.
रघुनाथपुर को लंबे समय से राजद का मजबूत गढ़ माना जाता है. पिछले दो चुनावों में भी यहां पार्टी के उम्मीदवारों ने जीत दर्ज की थी. इस बार राजद ने अपने पुराने उम्मीदवार की बजाय राजनीतिक रूप से चर्चित चेहरा ओसामा शहाब को मैदान में उतारा, जो जोखिम भरा लेकिन रणनीतिक फैसला साबित हुआ. विपक्ष द्वारा उठाए गए सवालों के बावजूद, राजद का यह दांव सफल रहा और ओसामा ने सीट को बड़े अंतर से पार्टी के पास बनाए रखा. यह नतीजा आरजेडी के जातीय आधार और संगठनात्मक ताकत का भी प्रमाण है.
रघुनाथपुर विधानसभा की राजनीति पर यादव, राजपूत, भूमिहार और मुस्लिम मतदाताओं का सबसे अधिक प्रभाव माना जाता है. यही जातीय संतुलन हर चुनाव को दिलचस्प बना देता है. इस बार भी मुस्लिम और यादव वोटों में ओसामा को मजबूती मिली, जबकि राजपूत- भूमिहार वोटरों में मुकाबला कड़ा रहा. जन सुराज के राहुल कीर्ति इस सीट पर तीसरे स्थान पर रहे और 3,071 वोट हासिल कर सके. जातीय ध्रुवीकरण और शहाबुद्दीन की विरासत के भावनात्मक प्रभाव ने ओसामा की जीत में निर्णायक भूमिका निभाई.
मतगणना के शुरुआती राउंड में ही ओसामा ने बढ़त बना ली थी. पहले राउंड में उन्हें 4,051 और जदयू के विकास कुमार सिंह को 3,326 वोट मिले. सातवें राउंड तक यह बढ़त 9,236 हो चुकी थी. दस राउंड पूरे होने पर ओसामा 48,017 वोटों के साथ 16,370 की विशाल लीड पर पहुंच गए थे. अंतिम राउंड तक आते-आते अंतर और मजबूत हो गया. लगातार बढ़ते वोटों के अंतर ने साफ कर दिया कि मुकाबला शुरूआती चरणों में ही एकतरफा हो चुका था और परिणाम केवल औपचारिकता बनकर रह गया.
यह सीट कभी कांग्रेस का अभेद्य किला थी. शुरुआती दशकों में कांग्रेस यहां से आठ बार विजयी रही. बाद में प्रजा सोशलिस्ट पार्टी, संयुक्त सोशलिस्ट पार्टी, जनता पार्टी और भाजपा ने भी जीत दर्ज की. 2000 के दशक में भाजपा का प्रभाव मजबूत रहा, जबकि 2015 से राजद का दबदबा कायम है. कृषि प्रधान इस क्षेत्र में अब तक 17 चुनाव हो चुके हैं और हर बार जातीय समीकरण निर्णायक रहे हैं. 2025 का परिणाम इस बात का संकेत है कि रघुनाथपुर में अब नई पीढ़ी की राजनीति उभर चुकी है, जिसमें ओसामा शहाब नया चेहरा बनकर सामने आए हैं.