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सीएम नीतीश कुमार की घोषणा, बिहार में शिक्षक बहाली में लागू होगी डोमिसाइल पॉलिसी

बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने राज्य में शिक्षा व्यवस्था को सशक्त बनाने के लिए एक बड़ा फैसला लिया है. अब शिक्षक बहाली में बिहार के स्थायी निवासियों को प्राथमिकता दी जाएगी. यह डोमिसाइल नीति TRE-4 से लागू होगी, जिससे बाहर के उम्मीदवारों की तुलना में स्थानीय युवाओं को अधिक अवसर मिलेंगे.

Kuldeep Sharma
Edited By: Kuldeep Sharma
nitish kumar
Courtesy: web

राज्य में शिक्षा के क्षेत्र में सुधार की दिशा में नीतीश सरकार ने एक अहम कदम उठाया है. अब बिहार में शिक्षकों की बहाली प्रक्रिया में डोमिसाइल नीति लागू की जाएगी, जिसका लाभ सीधे तौर पर राज्य के युवाओं को मिलेगा. इस फैसले से उन छात्रों की मांग पूरी हुई है जो लंबे समय से सरकारी नौकरियों में स्थानीय लोगों को वरीयता दिए जाने की मांग कर रहे थे.

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने यह स्पष्ट किया कि TRE-4 यानी अगली शिक्षक बहाली परीक्षा से ही यह नीति लागू कर दी जाएगी. उन्होंने शिक्षा विभाग को इस संबंध में आवश्यक संशोधन करने के निर्देश भी दे दिए हैं. इसके साथ ही उन्होंने यह भी बताया कि TRE-4 की परीक्षा 2025 में कराई जाएगी, जबकि TRE-5 परीक्षा का आयोजन 2026 में होगा. TRE-5 से पहले STET (सेकेंडरी टीचर एलिजिबिलिटी टेस्ट) आयोजित किया जाएगा.

छात्रों की मांगों को मिला समर्थन

पटना के गांधी मैदान में पिछले कुछ दिनों से छात्र डोमिसाइल नीति लागू करने की मांग को लेकर प्रदर्शन कर रहे थे. उनका कहना था कि बिहार की सरकारी नौकरियों में 90 से 95 प्रतिशत आरक्षण राज्य के मूल निवासियों के लिए होना चाहिए. छात्रों का तर्क था कि बाहर से आने वाले अभ्यर्थियों की बजाय बिहार के युवाओं को प्राथमिकता मिलनी चाहिए. सरकार के इस फैसले को छात्रों के संघर्ष की जीत के रूप में देखा जा रहा है.

महिलाओं को आरक्षण में भी बदलाव

हाल ही में राज्य कैबिनेट ने एक और महत्वपूर्ण निर्णय लिया था. इसके तहत सरकारी नौकरियों में महिलाओं को मिलने वाले 35 प्रतिशत आरक्षण का लाभ अब केवल बिहार की स्थायी निवासी महिलाओं को ही मिलेगा. इससे स्पष्ट है कि सरकार अब स्थानीय युवाओं को अवसर देने के अपने संकल्प को साकार करने में जुट गई है.