पटना: मोकामा के विधायक अनंत सिंह को पटना सिविल कोर्ट से झटका लगा है. चर्चित दुलारचंद यादव हत्याकांड में जेडीयू बाहुबली को राहत नहीं मिली है. पटना की विशेष एमपी-एमएलए कोर्ट ने उनकी जमानत अर्जी खारिज कर दी है. इसके साथ ही जेल में बंद अनंत सिंह को फिलहाल राहत नहीं मिल सकेगी और वे बेऊर जेल में ही रहेंगे.
यह पूरा मामला 30 अक्टूबर 2025 की शाम का है, जब मोकामा के टाल क्षेत्र में चुनावी सभाओं का दौर चल रहा था. जन सुराज पार्टी के उम्मीदवार पीयूष प्रियदर्शी के समर्थन में प्रचार कर रहे स्थानीय बाहुबली दुलारचंद यादव की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी. उसी वक्त जदयू उम्मीदवार अनंत सिंह का काफिला भी उधर से गुजर रहा था. दोनों पक्षों के समर्थकों के बीच पहले तीखी नोकझोंक हुई, फिर गाली-गलौज और उसके बाद मारपीट शुरू हो गई. देखते-देखते फायरिंग होने लगी और दुलारचंद यादव को गोली लगी, जिससे मौके पर ही उनकी मौत हो गई.
पुलिस ने इस मामले में अनंत सिंह को मुख्य आरोपी बनाते हुए गिरफ्तार कर लिया था. चुनाव प्रचार के बीच हुई इस वारदात ने पूरे इलाके में सनसनी फैला दी थी. अनंत सिंह उस वक्त जेल से ही चुनाव लड़ रहे थे और उन्होंने मोकामा सीट एक बार फिर भारी मतों से जीत ली. यह उनकी लगातार छठी जीत थी. जेल में रहते हुए चुनाव जीतने का यह अनोखा रिकॉर्ड भी उनके नाम दर्ज हो गया.
कोर्ट ने सबूतों को पर्याप्त मानते हुए अनंत सिंह की जमानत याचिका खारिज कर दी. कोर्ट का कहना है कि अपराध की गंभीरता और उपलब्ध साक्ष्यों को देखते हुए जमानत देना उचित नहीं होगा. अनंत सिंह के वकीलों ने दलील दी थी कि वे विधायक हैं और जेल में रहकर विधानसभा के कामकाज में बाधा आ रही है, लेकिन कोर्ट ने इन दलीलों को स्वीकार नहीं किया.
मोकामा की राजनीति में अनंत सिंह का दबदबा लंबे समय से है. उनके समर्थक उन्हें ‘छोटन भैया’ कहकर पुकारते हैं, जबकि विरोधी उन्हें बाहुबली नेता मानते हैं. पहले भी उनपर हत्या, हत्या के प्रयास, आर्म्स एक्ट समेत कई गंभीर मामले दर्ज हैं. साल 2020 में उनके घर से एके-47 बरामद होने के मामले में भी वे लंबे समय तक जेल में रहे थे. जेल से छूटने के बाद उन्होंने फिर से राजनीतिक मैदान में वापसी की और लगातार जीत दर्ज की.