Bihar Badlaav Yatra Prashant Kishor: जन सुराज पार्टी के संस्थापक प्रशांत किशोर ने बुधवार (30 अप्रैल) को कहा कि शिक्षा, रोजगार और पलायन जैसे मुख्य क्षेत्रों में सुधार न होने के कारण बिहार के लोग बदलाव चाहते हैं. प्रशांत किशोर ने मीडिया से बात करते हुए कहा, 'बिहार में एक बात तो तय है: लोग बदलाव चाहते हैं. चाहे वे RJD, BJP, JDUके समर्थक हों या किसी भी जाति या धर्म के हों, वे बदलाव चाहते हैं क्योंकि उन्होंने पिछले 30-35 सालों में सभी पार्टियों के नेताओं को देखा है. शिक्षा, रोजगार और पलायन जैसे बुनियादी मुद्दों पर कोई प्रगति नहीं हुई है। वे दूसरे राज्यों में विकास देखते हैं और ठगा हुआ महसूस करते हैं.'
प्रशांत किशोर ने सुझाव दिया कि बदलाव अपरिहार्य है, हालांकि इस पर बहस हो सकती है कि इसका नेतृत्व कौन करेगा. उन्होंने कहा, इस मुद्दों पर बहस भी हो सकती है कि बदलाव का लीडर कौन होगा. यह जन सुराज हो सकता है. लेकिन एक बात साफ है कि वे (लोग) बदलाव चाहते हैं.'
#WATCH | Jamui, Bihar: Jan Suraaj party Founder Prashant Kishor says, "One thing is certain in Bihar that people want change. Be it the supporters of RJD, BJP, JDU, any party or any caste, religion, people want change because they have seen the leaders of all parties in the last… pic.twitter.com/TskgZrboB9
— ANI (@ANI) April 30, 2025
उन्होंने आगे कहा कि जन सुराज 20 मई को 'बिहार बदलाव यात्रा' शुरू करेगा. यात्रा से पहले, पार्टी 11 मई को राज्यव्यापी हस्ताक्षर अभियान शुरू करेगी, जिसमें प्रमुख मुद्दों पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की विश्वसनीयता को निशाना बनाया जाएगा. उन्होंने कहा, 'हम बिहार में एक करोड़ लोगों से तीन मुद्दों- जाति जनगणना, दलित महादलित परिवारों को भूमि वितरण और भूमि सर्वेक्षण पर नीतीश कुमार के ट्रैक रिकॉर्ड के बारे में बात करेंगे.'
जन सुराज अपना पहला बिहार विधानसभा चुनाव लड़ने के लिए तैयार है, जो इस साल के अंत में होने की उम्मीद है. पार्टी ने पहले उपचुनाव लड़े थे, लेकिन चुनावी प्रभाव छोड़ने में विफल रही. जानकारी के लिए बता दें आखिरी धानसभा चुनाव अक्टूबर-नवंबर 2020 के दौरान हुआ था.
प्रशांत किशोर ने जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हाल ही में हुए आतंकवादी हमले की भी निंदा की. उन्होंने कहा, 'विदेश नीति और राष्ट्रीय सुरक्षा जैसे कुछ मुद्दे केंद्र सरकार के अधिकार क्षेत्र में आते हैं. इस तरह के मामलों में, हर नागरिक, चाहे वह किसी भी राजनीतिक संबद्धता का हो, सरकार के साथ खड़ा है...' 22 अप्रैल को जम्मू और कश्मीर के पहलगाम में बैसरन मैदान में पर्यटकों पर आतंकवादियों द्वारा किए गए हमले में 26 लोग मारे गए और कई अन्य घायल हो गए.