पटना: केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने बुधवार को राहुल गांधी के उस बयान की तीखी निंदा की, जिसमें उन्होंने भारत की 10 प्रतिशत आबादी पर सेना को नियंत्रित करने की बात कही थी. राहुल ने यह बयान जिसकी जितनी आबादी उतनी भागीदारी वाली थ्योरी को दुहराते हुए दिया था. रक्षा मंत्री ने कांग्रेस सांसद पर सशस्त्र बलों को बांटने की कोशिश करने का आरोप लगाया और कहा कि सेना की कोई धर्म या जाति नहीं होती.
बिहार में विधानसभा चुनाव के पहले चरण के मतदान से पहले बांका में एक जनसभा को संबोधित करते हुए रक्षा मंत्री ने कहा कि राहुल गांधी रक्षा बलों में आरक्षण की मांग करके अराजकता फैलाने की कोशिश कर रहे हैं. उन्होंने राहुल गांधी पर सेना को राजनीति में घसीटने की कोशिश करने का आरोप लगाया और सशस्त्र बलों में विभिन्न समुदायों के लिए आरक्षण की वकालत करने वाली टिप्पणियों के लिए उनकी आलोचना की.
उन्होंने सैन्य आचार संहिता का हवाला देते हुए कहा कि आरक्षण होना चाहिए. हम आरक्षण के समर्थक हैं, हमने गरीबों को दिया है. लेकिन सेना? हमारे सैनिकों का केवल एक ही धर्म है, 'सैन्य धर्म'. इसके अलावा कोई और धर्म नहीं है. हमारी सेना को राजनीति में मत घसीटिए. जब भी इस देश पर कोई संकट आया है, हमारे सैनिकों ने बहादुरी का परिचय देकर भारत का सिर ऊंचा किया है.
#WATCH | Banka, Bihar: On Rahul Gandhi's statement, Defence Minister Rajnath Singh says, "... Our army soldiers have only one religion. That religion is 'Sainya Dharma'. There is no other religion besides this. Don't drag our army into politics. Whenever this country has faced a… pic.twitter.com/WIeVrVkGPt
— ANI (@ANI) November 5, 2025
राजनाथ सिंह ने जाति, संप्रदाय या धर्म के आधार पर भेदभाव करने के लिए गांधी पर निशाना साधा और कहा कि जाति, संप्रदाय और धर्म की इस राजनीति ने देश को बहुत नुकसान पहुंचाया है. हमारी सोच है कि सभी वर्गों का उत्थान होना चाहिए. हम भेदभाव नहीं चाहते.
उन्होंने कहा कि ये वही पार्टियां हैं जो सालों से जाति की राजनीति करती आ रही हैं और अब वे सेना को इसमें घसीट रही हैं. यह बहुत शर्म की बात है. उन्होंने राहुल गांधी की विदेश यात्राओं पर तंज कसते हुए कहा कि वो विदेश जाकर देश के बारे में बुरा बोलते हैं, वो सेना पर सवाल उठाते हैं और वो भारत की सुरक्षा से समझौता करते हैं.
गौरतलब है कि राहुल गांधी ने मंगलवार को यह कहकर विवाद खड़ा कर दिया कि सेना देश की 10 प्रतिशत आबादी (तथाकथित उच्च जातियों) के नियंत्रण में है. बिहार के औरंगाबाद में चुनाव प्रचार के दौरान उन्होंने कहा कि देश की केवल 10 प्रतिशत आबादी को कॉर्पोरेट क्षेत्रों, नौकरशाही और न्यायपालिका में अवसर मिलते हैं. यहां तक कि सेना भी उनके नियंत्रण में है. उन्होंने कहा कि शेष 90 प्रतिशत पिछड़े वर्ग, दलित, अनुसूचित जनजाति और अन्य अल्पसंख्यक कहीं नजर नहीं आते.
यह पहली बार नहीं है जब उन्होंने सेना के बारे में कोई अजीब टिप्पणी की हो. साल 2022 में अपनी भारत जोड़ो यात्रा के दौरान की गई एक टिप्पणी में उन्होंने कहा था कि चीनी सैनिक अरुणाचल में भारतीय सेना की पिटाई कर रहे हैं. इस टिप्पणी के लिए उन्हें सुप्रीम कोर्ट ने फटकार भी लगाई थी.
यह टिप्पणी दिसंबर 2022 में अरुणाचल प्रदेश के तवांग सेक्टर में भारत-चीन सैन्य टकराव के संदर्भ में थी. उन्होंने कहा कि तब से चीन ने 2,000 वर्ग किलोमीटर भारतीय क्षेत्र पर कब्जा कर लिया है, और उन्होंने इस आत्मसमर्पण के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उनकी सरकार को दोषी ठहराया.
लेकिन न्यायमूर्ति दीपांकर दत्ता और न्यायमूर्ति ए.जी. मसीह की पीठ ने इस टिप्पणी पर कड़ी आपत्ति जताई. न्यायमूर्ति दत्ता ने गांधी को फटकार लगाते हुए कहा कि आपको कैसे पता चला कि 2,000 वर्ग किलोमीटर भारतीय भूमि चीन ने हड़प ली है? अगर आप सच्चे भारतीय हैं, तो आप यह सब नहीं कहेंगे.