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बिहार चुनाव नतीजों से पहले सस्पेंस बरकरार, महिला, युवा और जातीय समीकरण तय करेंगे सत्ता की बाजी!

बिहार विधानसभा चुनाव के नतीजों से पहले सस्पेंस बरकरार है. एग्जिट पोल में एनडीए और महागठबंधन दोनों के दावे जारी हैं. विशेषज्ञों के मुताबिक महिला, युवा और जातीय समीकरण ही नतीजों की दिशा तय करेंगे.

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Edited By: Kanhaiya Kumar Jha
Tejashvi Yadav & Nitish Kumar India Daily
Courtesy: Social Media

पटना: बिहार विधानसभा चुनाव के नतीजों का इंतजार अब कुछ ही घंटों का है. शुक्रवार सुबह 8 बजे से मतगणना शुरू होगी. चुनाव आयोग ने 38 जिलों के 46 मतगणना केंद्रों पर कड़े सुरक्षा इंतजाम किए हैं. इस बार राज्य में दो चरणों, 6 और 11 नवंबर को वोटिंग हुई थी. कुल 67.13 प्रतिशत मतदान के साथ इस चुनाव ने नया रिकॉर्ड बनाया.

एग्जिट पोल के नतीजों में जहां ज्यादातर सर्वे एनडीए सरकार की वापसी का संकेत दे रहे हैं, वहीं कुछ सर्वेक्षण महागठबंधन की जीत का दावा कर रहे हैं. ऐसे में दोनों ही गठबंधन अपनी-अपनी जीत को लेकर उत्साहित हैं.

तीन फैक्टर जो तय करेंगे नतीजे

विश्लेषकों के मुताबिक इस बार का चुनाव तीन प्रमुख फैक्टरों पर टिका है, महिलाएं, युवा और जातीय समीकरण. इन तीनों की भूमिका सत्ता की कुर्सी का फैसला तय कर सकती है.

महिलाओं ने दिखाई NDA के प्रति निष्ठा!

एक्सिस माई इंडिया के एग्जिट पोल के अनुसार, 45% महिला वोट NDA को मिले हैं, जबकि 40% वोट महागठबंधन को गए हैं. महिलाओं के बीच NDA को 5% की बढ़त मिली है. विशेषज्ञों का मानना है कि केंद्र और राज्य की महिला-केंद्रित योजनाएं इस बढ़त की मुख्य वजह हैं.

युवाओं में महागठबंधन का असर!

युवाओं के वोटिंग पैटर्न ने दिलचस्प रुझान दिखाया है. 18-19 वर्ष के प्रथम मतदाताओं में 46% ने महागठबंधन को वोट दिया, जबकि 37% ने NDA को. 20 से 29 वर्ष के युवाओं में भी महागठबंधन को 44% और NDA को 37% वोट मिले. हालांकि, 30 से 49 वर्ष की उम्र वाले मतदाताओं में NDA को थोड़ी बढ़त मिली है.

जातीय समीकरण बने निर्णायक हथियार!

जातीय आधार पर देखें तो 61% EBC वोट NDA को मिले हैं, जबकि महागठबंधन को मात्र 23%. वहीं, 90% यादव और 79% मुस्लिम मतदाता महागठबंधन के साथ दिखे. NDA को इन वर्गों से क्रमशः 6% और 8% वोट मिले हैं.

दोनों गठबंधनों के दावे जारी

दोनों ही गठबंधन अपनी जीत का दावा कर रहे हैं. महागठबंधन का कहना है कि MY (मुस्लिम-यादव) समीकरण, युवाओं और बेरोजगार वर्ग का समर्थन उसे निर्णायक बढ़त देगा. वहीं NDA का भरोसा महिला मतदाताओं और EBC वोट बैंक पर टिका है, जो उसके लिए जीत का आधार बन सकता है.