पटना: बिहार विधानसभा चुनाव के नतीजों से पहले महागठबंधन के मुख्यमंत्री उम्मीदवार तेजस्वी यादव ने मतगणना अधिकारियों को कड़ी चेतावनी दी है. उन्होंने कहा कि 2020 वाली गलती बिल्कुल नहीं दोहराई जानी चाहिए और काउंटिंग के दौरान किसी भी तरह की गड़बड़ी या अन्याय बर्दाश्त नहीं किया जाएगा. तेजस्वी ने दावा किया है कि महागठबंधन स्पष्ट बहुमत के साथ चुनाव जीतने जा रहा है और इस बार जनता का पूरा जनसमर्थन उनके साथ है.
तेजस्वी यादव ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में साफ कहा कि अगर कोई अधिकारी ईमानदारी से अपनी ड्यूटी निभाएगा तो उसे डरने की जरूरत नहीं है लेकिन जो अधिकारी किसी के दबाव में काम करेगा या नियमों का उल्लंघन करेगा, उसे करारा जवाब मिलेगा. उन्होंने कहा कि राजद, कांग्रेस और अन्य दलों के कार्यकर्ता सभी जिलों में बने मतगणना केंद्रों पर तैनात हैं और स्थिति पर करीबी नजर रख रहे हैं.
तेजस्वी ने आरोप लगाया कि कुछ अधिकारियों पर बाहरी दबाव बनाया जा रहा है और 2020 की तरह काउंटिंग में हेरफेर की कोशिश हो सकती है. उन्होंने कहा कि कई अधिकारियों को पटना और दिल्ली से फोन कॉल किए जा रहे हैं और उन्हें निर्देश दिए जा रहे हैं कि काउंटिंग को धीमा किया जाए. तेजस्वी के अनुसार इन अधिकारियों को खासतौर पर उन सीटों पर कार्रवाई करने के लिए कहा जा रहा है जहां महागठबंधन आगे चल रहा है और मार्जिन कम है.
उन्होंने यह भी दावा किया कि जहां एनडीए आगे है वहां जल्दी नतीजे घोषित करने का दबाव डाला जा रहा है. तेजस्वी ने कहा कि यह लोकतंत्र के खिलाफ है और जनता इस बार किसी भी तरह का अन्याय बर्दाश्त नहीं करेगी. उन्होंने कहा कि अगर किसी अधिकारी ने सीमा लांघी तो जनता जवाब देना जानती है.
प्रेस कॉन्फ्रेंस में तेजस्वी यादव के साथ कांग्रेस प्रदेश प्रभारी कृष्णा अल्लावरु, वीआईपी प्रमुख मुकेश सहनी, और सीपीआई माले के महासचिव दीपांकर भट्टाचार्य भी मौजूद थे. इन नेताओं ने भी मतगणना प्रक्रिया में पारदर्शिता बनाए रखने की अपील की. सभी नेताओं ने कहा कि बिहार की जनता बदलाव चाहती है.