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Bihar Election Seat Sharing: 'महागठबंधन में सीट बंटवारे पर अगर आज नहीं बनी बात तो...', बिहार चुनाव पर कांग्रेस ने दिया अल्टीमेटम

Bihar Election Seat Sharing: बिहार चुनाव से पहले महागठबंधन में सीट बंटवारे को लेकर गतिरोध बना हुआ है. कांग्रेस ने चेतावनी दी है कि सोमवार तक समझौता न होने पर वह अपने कोटे की 60 सीटों पर प्रत्याशियों की घोषणा कर देगी. कांग्रेस और राजद के बीच पारंपरिक सीटों को लेकर विवाद है. कांग्रेस ने सीटों के अनुपात में समझौते का नया फार्मूला सुझाया है.

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Edited By: Km Jaya
Congress mahagathbandhan seat sharing
Courtesy: @AshishSinghKiJi X account

Bihar Election Seat Sharing: बिहार विधानसभा चुनाव को लेकर महागठबंधन के अंदर सीट शेयरिंग को लेकर तनाव बढ़ता जा रहा है. कांग्रेस ने अब स्पष्ट संकेत दिया है कि अगर सोमवार तक सीट बंटवारे का मसला हल नहीं होता, तो वह अपने कोटे की 60 सीटों पर प्रत्याशियों के नाम की घोषणा खुद कर देगी. पार्टी के सूत्रों ने बताया है कि उम्मीदवारों के नाम लगभग तय कर लिए गए हैं और केंद्रीय चुनाव समिति की बैठक में इन पर अंतिम मुहर लग जाएगी.

नई दिल्ली में आज कांग्रेस की केंद्रीय चुनाव समिति की अहम बैठक होने वाली है. इसमें बिहार कांग्रेस अध्यक्ष राजेश राम, प्रदेश प्रभारी कृष्णा अल्लावरु, विधानसभा दल नेता शकील अहमद खान और विधान परिषद दल नेता मदन मोहन झा शामिल होंगे. बैठक में स्क्रीनिंग कमेटी द्वारा तैयार 74 सीटों के पैनल पर चर्चा होगी. अगर गठबंधन में सहमति नहीं बनती है, तो कांग्रेस अकेले ही कुछ सीटों पर उम्मीदवार उतारने का फैसला कर सकती है.

पार्टी को जल्द निर्णय लेना जरूरी

पहले चरण के नामांकन में अब केवल पांच दिन ही बचे हैं. ऐसे में प्रत्याशियों को प्रचार की तैयारी के लिए पर्याप्त समय देने के लिए पार्टी को जल्द निर्णय लेना जरूरी हो गया है. कांग्रेस पहले करीब 55 सीटों पर समझौते के लिए तैयार थी, लेकिन वह अपनी पसंद की सीटें चाह रही थी, जिस पर राजद ने असहमति जताई. विवाद की जड़ कहलगांव, राजापाकर और वैशाली जैसी पारंपरिक सीटें हैं, जिन पर राजद ने दावा ठोक दिया है.

कांग्रेस ने सुझाया नया फार्मूला

कांग्रेस ने अब नया फार्मूला सुझाया है कि जितनी फीसदी सीटें वह छोड़ेगी, उतनी ही सीटें राजद को भी छोड़नी होंगी. अगर कांग्रेस का कोटा घटेगा, तो उसे मनपसंद सीटें दी जानी चाहिए. राजद और कांग्रेस के बीच यह खींचतान महागठबंधन के भीतर अन्य सहयोगियों वीआईपी और वाम दलों की सीट मांग से और बढ़ गई है. पार्टी सूत्रों के अनुसार, महागठबंधन में घटक दलों की संख्या बढ़ने से सभी को कुछ न कुछ त्याग करना होगा.

प्रदर्शन को बेहतर करने की रणनीति

पिछले चुनाव में राजद ने 144 सीटों और कांग्रेस ने 70 सीटों पर चुनाव लड़ा था. इस बार कांग्रेस अपने प्रदर्शन को बेहतर करने की रणनीति बना रही है और सीटों की संख्या घटाकर भी अपनी प्रभावी उपस्थिति सुनिश्चित करना चाहती है लेकिन यदि जल्द समाधान नहीं हुआ, तो महागठबंधन में दरार गहरी हो सकती है.