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बिहार चुनाव से पहले नया सियासी समीकरण! चिराग पासवान-प्रशांत किशोर के गठबंधन की चर्चा से गरमाई राजनीति

बिहार विधानसभा चुनाव से पहले राजनीतिक हलचल तेज है. लोक जनशक्ति पार्टी (LJP) प्रमुख चिराग पासवान और चुनाव रणनीतिकार प्रशांत किशोर के बीच संभावित गठबंधन की चर्चा ने नया मोड़ ले लिया है.

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Edited By: Kuldeep Sharma
Chirag Paswan-Prashant Kishore
Courtesy: x

Bihar election 2025: बिहार की राजनीति में इन दिनों सबसे बड़ी चर्चा का विषय बन गया है- क्या चिराग पासवान और प्रशांत किशोर एक साथ चुनावी मैदान में उतर सकते हैं? यह सवाल इसलिए जोर पकड़ रहा है क्योंकि लोक जनशक्ति पार्टी और भाजपा के बीच सीट बंटवारे को लेकर गतिरोध जारी है. ऐसे में 'राजनीति में कुछ भी मुमकिन है' वाला वाक्य एक बार फिर सही साबित होता दिख रहा है.

लोक जनशक्ति पार्टी के भीतर चर्चा है कि प्रशांत किशोर के साथ गठबंधन की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता. पार्टी सूत्रों ने एनडीटीवी से बातचीत में कहा कि 'राजनीति में दरवाजे हमेशा खुले रहते हैं.' दरअसल, सीट बंटवारे को लेकर लोजपा 40 सीटें चाहती है, जबकि भाजपा सिर्फ 25 सीटें देने के पक्ष में है. लोजपा ने अभी इस प्रस्ताव को औपचारिक रूप से खारिज नहीं किया है, लेकिन संकेत साफ हैं कि यह आंकड़ा पार्टी को मंज़ूर नहीं है. ऐसे में प्रशांत किशोर के साथ गठबंधन की संभावना एक दबाव की रणनीति के तौर पर भी देखी जा रही है.

भाजपा की रणनीति और सीट शेयरिंग का पेच

भाजपा ने सीट बंटवारे की बातचीत को फिलहाल रोक दिया है. पार्टी सूत्रों का कहना है कि यह एक रणनीतिक कदम है, ताकि टिकट न मिलने पर आखिरी समय में नेताओं के पलायन को रोका जा सके. इस बीच, यह भी रिपोर्ट्स आईं कि भाजपा और जेडीयू के बीच 200 सीटों पर समझौता तय हो गया है, जिससे पासवान की पार्टी के लिए बहुत कम गुंजाइश बचेगी. हालांकि, लोजपा ने इन रिपोर्ट्स को खारिज करते हुए कहा कि 'कोई आधिकारिक घोषणा नहीं हुई है और बातचीत केवल भाजपा से होगी, जेडीयू से नहीं.'

'अबकी बार युवा बिहारी'

चिराग पासवान ने मंगलवार सुबह सोशल मीडिया पर एक पोस्टर शेयर किया 'अबकी बार, युवा बिहारी.' इस नारे को देखकर साफ है कि वे खुद को मुख्यमंत्री पद की दौड़ में प्रोजेक्ट कर रहे हैं. हालांकि उन्होंने सार्वजनिक तौर पर नीतीश कुमार को समर्थन देने की बात कही थी, लेकिन अब पार्टी का फोकस उनके नेतृत्व को मजबूत करने पर है. पार्टी सूत्रों का कहना है कि यह पोस्टर एक इमेज बिल्डिंग कैंपेन का हिस्सा है, जो उन्हें आरजेडी के तेजस्वी यादव के सामने एक युवा और ऊर्जावान विकल्प के तौर पर पेश करता है.

राजनीतिक संकेत और दबाव की चाल

विश्लेषक मानते हैं कि प्रशांत किशोर के साथ गठबंधन की खबरें फिलहाल 'राजनीतिक संकेत' भर हैं. इसका मकसद भाजपा पर दबाव बनाना है ताकि लोजपा को अधिक सम्मानजनक सीटें मिल सकें. खुद चिराग पासवान ने एनडीटीवी से कहा था- 'मैं हर विधानसभा क्षेत्र में 20 से 25 हज़ार वोटों को प्रभावित कर सकता हूं. मैं गठबंधन में हूं, लेकिन चाहूं तो बाहर भी जा सकता हूं.' यह बयान, लोजपा के भीतर सख्त रुख अपनाने वाले नेताओं के लिए भी एक संदेश माना जा रहा है.