चुनावी मौसम में बयानबाज़ी तेज हो गई है. इस बीच बिहार के मुंगेर में एक रैली के दौरान चिराग पासवान ने ऐसा बयान दिया जिसने सभी का ध्यान खींच लिया. उन्होंने आरोप लगाया कि उनके विरोधी उन्हें खत्म करने की साजिश कर रहे हैं और अब बात धमकियों से आगे बढ़कर जानलेवा साजिशों तक पहुंच गई है. यह दावा उस समय आया जब कुछ दिन पहले ही पार्टी ने सोशल मीडिया पर चिराग को धमकी मिलने की शिकायत दर्ज कराई थी.
चिराग पासवान ने मुंगेर की सभा में कहा कि उनके विरोधियों ने पहले उन्हें तोड़ने की कोशिश की, लेकिन अब वे उन्हें बम से उड़ाने की साजिश रच रहे हैं. उन्होंने कहा, "मुझे तोड़ने की तमाम कोशिशें नाकाम हो गईं, अब ये लोग बम से उड़ाने की तैयारी में हैं." चिराग ने खुद को 'शेर का बेटा' बताते हुए कहा कि वे डरने वालों में से नहीं हैं. इस बयान के बाद राजनीति गरमा गई है.
अपने संबोधन में चिराग ने अप्रत्यक्ष रूप से राष्ट्रीय जनता दल (राजद) और अपने चाचा पशुपति पारस पर हमला बोला. उन्होंने कहा कि "बिहार फर्स्ट, बिहारी फर्स्ट" का नारा कुछ लोगों को रास नहीं आ रहा, क्योंकि यह उनकी जातीय राजनीति की जड़ें हिला देता है. चिराग ने आरोप लगाया कि जब ये लोग सत्ता में थे, तो उन्होंने बिहार को गरीबी और पिछड़ेपन की ओर धकेला. अब फिर से झूठे वादों के सहारे लोगों को बहकाने की कोशिश हो रही है.
इस धमकी को लेकर लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) के प्रवक्ता राजेश कुमार भट्ट ने पटना के साइबर थाने में एफआईआर दर्ज करवाई थी. यह शिकायत 11 जुलाई को एक इंस्टाग्राम यूजर के खिलाफ दी गई थी, जिसने चिराग को बम से उड़ाने की धमकी दी थी. पार्टी ने सोशल मीडिया पर यह दावा किया कि आरोपी यूजर राजद समर्थक है. हालांकि, पुलिस शिकायत में किसी विशेष व्यक्ति या पार्टी का नाम नहीं लिया गया. पार्टी के एक वरिष्ठ नेता ने नाम न बताने की शर्त पर बताया कि चिराग का बयान शायद इसी एफआईआर से जुड़ा हुआ हो और इसे राजनीतिक रचना के रूप में प्रस्तुत किया गया हो.