Bihar Assembly Election 2025: माले ने 18 और सीपीआई ने 6 उम्मीदवारों की लिस्ट की जारी
Bihar Assembly Election 2025: बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के लिए महागठबंधन में सीट बंटवारे के पहले सीपीआई माले ने 18 और सीपीआई ने 6 उम्मीदवारों की सूची जारी की है.
Bihar Assembly Election 2025: बिहार विधानसभा चुनाव को लेकर महागठबंधन में सीट शेयरिंग को लेकर राजनीतिक हलचल तेज है. इस बीच वामपंथी घटक दलों सीपीआई माले और सीपीआई ने अपने-अपने उम्मीदवारों की सूची जारी कर दी है. इससे संकेत मिलता है कि गठबंधन ने अपने रणनीतिक फलक को तैयार करना शुरू कर दिया है.
सीपीआई माले ने अपने 18 उम्मीदवारों की लिस्ट जारी की है. इनमें तरारी से मदन सिंह चन्द्रवंशी, अगिआंव से शिव प्रकाश रंजन, आरा से कयामुद्दीन अंसारी, डुमरांव से अजीत कुमार सिंह उर्फ अजीत कुशवाहा, काराकाट से अरुण सिंह कुशवाहा, अरवल से महानंद सिंह कुशवाहा, घोसी से रामबली सिंह यादव, पालीगंज से संदीप सौरभ, फुलवारी से गोपाल रविदास, दीघा से दिव्या गौतम और दरौली से सत्यदेव राम शामिल हैं.
इसके अलावा जीरादेई से अमरजीत कुशवाहा, दरौंदा से अमरनाथ यादव, भोरे से जितेंद्र पासवान, सिकटा से वीरेंद्र प्रसाद गुप्ता, वारिसनगर से फूलबाबू सिंह, कल्याणपुर से रंजीत राम और बलरामपुर से महबूब आलम भी उम्मीदवार हैं.
सीपीआई के 6 उम्मीदवार
दूसरी ओर सीपीआई ने 6 सीटों पर अपने उम्मीदवारों की घोषणा की है. इन सीटों में तेघड़ा से रामरतन सिंह, बखरी से सूर्यकांत पासवान, बछवाड़ा से अवधेश कुमार राय, बांका से संजय कुमार, हरलाखी से राकेश कुमार पांडेय और झंझारपुर से राम नारायण यादव को उम्मीदवार बनाया गया है.
महागठबंधन की पूरी रणनीति और सीट बंटवारा
महागठबंधन के बैनर तले आरजेडी, कांग्रेस, वीआईपी, जेएमएम, सीपीएम, सीपीआई और माले मिलकर चुनाव लड़ेंगे. पिछले चुनाव में आरजेडी को 144, कांग्रेस को 70, माले को 19, सीपीआई को 6 और सीपीएम को 4 सीटें मिली थीं. इस बार गठबंधन ने अपनी रणनीति को मजबूत बनाते हुए वाम दलों को अपेक्षित सीटें आवंटित की हैं, और बाकी सीटों का ऐलान जल्द ही किया जाएगा.
राजनीतिक असर और भविष्य की संभावनाएं
विशेषज्ञों का मानना है कि वामपंथी दलों का यह सक्रिय कदम महागठबंधन की चुनावी संभावनाओं को और मजबूती देगा. उम्मीदवारों के नाम घोषित होने के बाद पार्टी कार्यकर्ता और स्थानीय नेता चुनाव प्रचार में तेजी लाएंगे. राजनीतिक विश्लेषकों के अनुसार, इस बार गठबंधन का प्रदर्शन पिछले चुनावों की तुलना में अधिक महत्वपूर्ण होगा क्योंकि राज्य की राजनीतिक हवा में बदलाव की संभावना है.
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