बिहार विधानसभा चुनाव से पहले, मंगलवार को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में हुई मंत्रिमंडल की बैठक में कई महत्वपूर्ण प्रस्तावों को मंजूरी दी गई. इसमें सरकारी मेडिकल, डेंटल, आयुर्वेदिक, यूनानी और होम्योपैथी कॉलेजों में इंटर्न्स के मासिक स्टाइपेंड में 7,000 रुपये की वृद्धि और सात नए मेडिकल कॉलेज खोलने का निर्णय शामिल है.
इंटर्न्स के लिए स्टाइपेंड में बढ़ोतरी
कैबिनेट सचिवालय के अतिरिक्त मुख्य सचिव अरविंद कुमार चौधरी ने बताया कि मेडिकल, डेंटल, आयुर्वेदिक, यूनानी और होम्योपैथी कॉलेजों के इंटर्न्स के साथ-साथ विदेशी मेडिकल स्नातकों के लिए मासिक स्टाइपेंड को 20,000 रुपये से बढ़ाकर 27,000 रुपये कर दिया गया है. फिजियोथेरेपी और एक्यूप्रेशर के इंटर्न्स का स्टाइपेंड 15,000 रुपये से बढ़ाकर 20,000 रुपये किया गया है. यह निर्णय बिहार के स्वास्थ्य शिक्षा क्षेत्र को मजबूत करने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम है. सात नए मेडिकल कॉलेजमंत्रिमंडल ने किशनगंज, कटिहार, रोहतास, श्योहर, लखीसराय, अरवल और शेखपुरा में सात नए मेडिकल कॉलेज खोलने को मंजूरी दी. इससे राज्य में चिकित्सा शिक्षा और स्वास्थ्य सेवाओं का विस्तार होगा.
तकनीकी सहायकों, होम गार्डस की सैलरी भी बढ़ी
मंत्रिमंडल ने तकनीकी सहायकों का मासिक मानदेय 27,000 रुपये से बढ़ाकर 40,000 रुपये और एकाउंटेंट-कम-आईटी सहायकों का 20,000 रुपये से 30,000 रुपये करने का फैसला किया. होम गार्ड्स का दैनिक भत्ता 774 रुपये से बढ़ाकर 1,121 रुपये किया गया, जो अब पुलिस कांस्टेबल के एक दिन के वेतन के बराबर है. ग्राम कचहरी सचिवों का मासिक मानदेय 6,000 रुपये से बढ़ाकर 9,000 रुपये किया गया, जो 1 जुलाई, 2025 से लागू होगा.
ग्रामीण विकास और नशा मुक्ति
"मुख्यमंत्री महिला रोजगार योजना" के तहत ग्रामीण विकास विभाग को 20,000 करोड़ रुपये आवंटित किए गए, जिससे प्रत्येक परिवार की एक महिला को अपना व्यवसाय शुरू करने के लिए 10,000 रुपये की सहायता मिलेगी. इसके अलावा, नारकोटिक ड्रग्स, साइकोट्रोपिक पदार्थों और शराब से संबंधित अवैध गतिविधियों पर रोकथाम के लिए केंद्रीय नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो की तर्ज पर बिहार में "प्रोहिबिशन एंड स्टेट नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो" की स्थापना को मंजूरी दी गई.