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बिहार में नीतीश कैबिनेट विस्तार की आहट, जानें JDU-BJP के कितने विधायकों की लगेगी लॉटरी?

बिहार में नीतीश कुमार की एनडीए सरकार अगले महीने कैबिनेट विस्तार कर सकती है. जेडीयू अपने कोटे के 6 और बीजेपी 3 पद भर सकती है. सामाजिक संतुलन साधने के लिए कुशवाहा और अति पिछड़े वर्ग के विधायकों को मंत्री बनाए जाने की संभावना है.

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Edited By: Kanhaiya Kumar Jha
Nitish Kumar and Samrat Chaudhry India Daily
Courtesy: Social Media

पटना: बिहार में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अगुवाई वाली एनडीए सरकार अगले महीने मंत्रिमंडल विस्तार कर सकती है. सूत्रों के अनुसार, जेडीयू अपने कोटे के छह खाली मंत्री पदों को भरने की तैयारी कर रही है. 

पार्टी इन नियुक्तियों के जरिए राज्य में सामाजिक और जातीय समीकरण मजबूत करना चाहती है. वर्तमान में मुख्यमंत्री की कैबिनेट में कुल 9 मंत्री पद खाली हैं, जिनमें 6 जेडीयू और 3 भाजपा कोटे के हैं.

कैबिनेट में कुल 36 मंत्री बनाए जा सकते हैं

बिहार में संवैधानिक प्रावधान के तहत सीएम सहित अधिकतम 36 मंत्री बनाए जा सकते हैं. एनडीए की आंतरिक सहमति के अनुसार, बीजेपी के हिस्से में 17 जेडीयू के हिस्से में 15 पद (सीएम सहित), एलजेपी (पासवान) में 2 पद व एचएएम और आरएलपी में 1-1 मंत्री पद का बंटवारा होना है.

इस फॉर्मूले के आधार पर अभी बीजेपी 3 और जेडीयू 6 मंत्री पद भर सकती है. इसी अनुसार आने वाले विस्तार में कुल नौ नए चेहरे नीतीश मंत्रिमंडल में शामिल किए जा सकते हैं.

जेडीयू कर सकती है कुशवाहा और अतिपिछड़ा वर्ग को प्रतिनिधित्व

सूत्रों के मुताबिक जेडीयू इस बार कुशवाहा और अति पिछड़े वर्ग (EBC) के विधायकों को मंत्री बनाकर समाजिक संतुलन साधना चाहती है. फिलहाल जेडीयू के प्रमुख मंत्रियों के पास कई बड़े विभागों का अतिरिक्त भार है, जिनमें  बिजेंद्र प्रसाद यादव के पास 5 विभाग, विजय चौधरी के पास 4 विभाग व श्रवण कुमार और सुनील कुमार के पास 2-2 विभागों का अतिरिक्त भार है.

इसी तरह भाजपा कोटे के मंत्री, विजय कुमार सिंह, मंगल पांडेय, नितिन नवीन और अरुण शंकर प्रसाद के पास भी दो-दो विभाग हैं. नए मंत्रियों के शामिल होने पर इनमें से कुछ विभागों का पुनर्वितरण तय माना जा रहा है.

जेडीयू ने दल बदल की अटकलों से किया इंकार 

पिछले कुछ दिनों से यह चर्चा थी कि जेडीयू अन्य दलों के विधायकों को तोड़कर अपने साथ मिला सकती है और उन्हें मंत्री पद दे सकती है. लेकिन जेडीयू सूत्रों ने इसे पूरी तरह खारिज कर दिया है. पार्टी ने कहा कि ऐसी कोई जरूरत नहीं है और न ही इस दिशा में कोई प्रयास किया जा रहा है.

राज्यसभा चुनाव में एनडीए की स्थिति मजबूत

बिहार में अगले राज्यसभा चुनाव में अभी लगभग छह महीने का समय बाकी है. मौजूदा संख्या बल को देखते हुए एनडीए पांचों सीटें जीतने की स्थिति में है. ऐसे में जेडीयू को किसी अन्य दल के अतिरिक्त समर्थन की आवश्यकता भी नहीं दिखती. सूत्रों का कहना है कि कैबिनेट विस्तार का निर्णय जल्द अंतिम रूप ले लिया जाएगा और जनवरी के भीतर नए मंत्री शपथ ले सकते हैं.