Bihar Assembly Elections 2025: बिहार में चुनावी बिगुल बज चुका है. सभी पार्टियां जीत के लिए चुनावी मैदान में तैयारी कर रही है. इस बीच सीट बंटवारे की चर्चा तेज हो गई. महागठबंधन में इस वक्त खटपट की खबर आ रही है. ऐसे में सवाल ये उठता है कि आखिर कैसे तेजस्वी भईया महागठबंधन की नैया पार लगाएंगे. बिहार विधानसभा चुनाव 2025 को लेकर महागठबंधन ने तैयारियां तेज कर दी हैं, लेकिन चुनावी तालमेल की कोशिशों में दरारें नजर आने लगी हैं. चुनाव से पहले ही सहयोगी दलों की सीटों को लेकर आंतरिक खींचतान तेज हो गई है. महागठबंधन ने आपसी समन्वय के लिए कोऑर्डिनेशन कमिटी का गठन तो कर लिया है, लेकिन सीट शेयरिंग पर आम सहमति अभी दूर की बात लग रही है.
कांग्रेस ने जहां 70 सीटों की दावेदारी की है, वहीं विकासशील इंसान पार्टी (VIP) ने 60 सीटों पर चुनाव लड़ने की मांग रख दी है. इसी बीच भाकपा माले ने हर जिले में उम्मीदवार उतारने का ऐलान कर दिया है. भाकपा माले ने 2020 में 19 सीटों पर चुनाव लड़ा था और 12 सीटों पर जीत हासिल कर शानदार प्रदर्शन किया था. अब 2025 में पार्टी अपनी सीटों की संख्या को 38 से अधिक करने की तैयारी में है.
महागठबंधन की अगली बड़ी बैठक 12 जून को पटना में होने जा रही है, जहां सीट शेयरिंग को लेकर चर्चा होगी. सभी दल अपनी-अपनी मांगों को लेकर अडिग नजर आ रहे हैं. ऐसे में आरजेडी और तेजस्वी यादव के सामने सबसे बड़ी चुनौती यही है कि किस तरह से सभी दलों को साथ रखते हुए संतुलन बनाया जाए.
सत्ता पक्ष महागठबंधन की इस आंतरिक खींचतान पर लगातार तंज कस रहा है और इसे अस्थिर गठबंधन बता रहा है. हालांकि महागठबंधन को भरोसा है कि अंतिम समय तक समझौता हो जाएगा, लेकिन जमीन पर दिख रही यह खींचतान आने वाले चुनाव में चुनौतीपूर्ण बन सकती है.