Bihar Assembly Election: बिहार में आगामी लोकसभा चुनाव 2024 के मद्देनजर राष्ट्रीय जनता दल (RJD) ने एक बड़ा गेम खेला है, जिससे एनडीए खासकर बीजेपी को हैरान-परेशान कर दिया है. तेजस्वी यादव ने वैश्य समाज को लुभाने के लिए एक ऐसे मौके पर बड़ी घोषणाएं की हैं, जिनसे बीजेपी और एनडीए की चिंताएं बढ़ सकती हैं.
नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने बापू सभागार में आयोजित राष्ट्रीय वैश्य महासभा के सम्मेलन में वैश्य समाज को लेकर कई अहम घोषणाएं कीं. उन्होंने कहा, 'महागठबंधन की सरकार बनने पर सबसे पहले हम वैश्य आयोग का गठन करेंगे. इसके अलावा, सभी बड़े बाजारों के पास पुलिस पिकेट लगाए जाएंगे और सीसीटीवी कैमरे भी लगाए जाएंगे ताकि सुरक्षा सुनिश्चित हो सके. किसी भी कीमत पर महागठबंधन की सरकार वैश्य समाज के साथ दुर्व्यवहार करने वालों को कड़ी सजा दिलवाएगी.' इस मौके पर तेजस्वी यादव ने वैश्य समाज के योगदान की सराहना करते हुए कहा, 'बनिया का मतलब है निर्माण करना. बिहार के विकास में वैश्य समाज की बड़ी भूमिका है. यदि बिहार को नया रूप देना है तो हमें वैश्य समाज का सहयोग चाहिए.'
बिहार में जातीय सर्वे के मुताबिक, वैश्य समाज की जनसंख्या करीब 2.31% है, जो लगभग 30 लाख के आसपास है. हालांकि, वैश्य समाज के कई नेता इस आंकड़े से सहमत नहीं हैं और दावा करते हैं कि उनकी संख्या कुल आबादी का 18% से भी ज्यादा हो सकती है. बिहार में वैश्य समाज की करीब 56 उपजातियां हैं और इन उपजातियों को जोड़ने पर यह संख्या 25% तक जा सकती है. अखिल भारतीय वैश्य महासम्मेलन के बिहार प्रदेश अध्यक्ष डॉ. जगन्नाथ प्रसाद गुप्ता का मानना है कि बिहार में वैश्य समाज की जनसंख्या 25% हो सकती है और यह वोट बैंक RJD के लिए महत्वपूर्ण हो सकता है.
तेजस्वी यादव का वैश्य महासम्मेलन में भाग लेना और घोषणाएं करना सीधे तौर पर बीजेपी के वोट बैंक में सेंधमारी करने की कोशिश है. बीजेपी हमेशा से वैश्य समाज का बड़ा समर्थन प्राप्त करती रही है, लेकिन अब RJD ने वैश्य समाज को अपने पक्ष में लाने के लिए कई ऐसी घोषणाएं की हैं, जिनकी उम्मीद पहले एनडीए से थी. तेजस्वी ने बिहार के विकास में वैश्य समाज की भूमिका को महत्वपूर्ण बताते हुए महागठबंधन के साथ जुड़ने की अपील की. उनकी यह रणनीति एनडीए के लिए चिंता का कारण बन सकती है, खासकर जब लोकसभा चुनाव नजदीक हैं.