Bihar assembly election 2025: बिहार में विधानसभा चुनाव की सरगर्मी तेज हो गई है. चुनाव आयोग ने संकेत दिए हैं कि मतदाता सूची के अंतिम प्रकाशन के बाद अगले सप्ताह चुनाव कार्यक्रम जारी कर दिया जाएगा. इस बीच, विशेष पुनरीक्षण अभियान (SIR) पूरा हो चुका है और अब करीब 7.24 करोड़ मतदाता इस बार अपने मताधिकार का इस्तेमाल करेंगे.
सूत्रों के अनुसार, बिहार में पहले चरण का मतदान छठ पर्व (25 से 28 अक्टूबर) के बाद कराया जाएगा. यानी राज्य में चुनावी प्रक्रिया अक्टूबर के अंत या नवंबर के पहले हफ्ते से शुरू हो सकती है. आयोग चाहता है कि त्योहारों के बाद ही मतदान हो ताकि ज्यादा से ज्यादा लोग लोकतांत्रिक प्रक्रिया में भाग ले सकें.
30 सितंबर को बिहार की अंतिम मतदाता सूची प्रकाशित होगी. यह सूची विशेष पुनरीक्षण अभियान के बाद तैयार की गई है, जो राज्य में 22 साल बाद आयोजित किया गया. 1 अगस्त को प्रारूप सूची जारी हुई थी, जिस पर 1 सितंबर तक दावे और आपत्तियां आमंत्रित की गईं. इस प्रक्रिया के बाद लगभग 7.24 करोड़ मतदाता पंजीकृत हुए हैं.
चुनाव आयोग ने बिहार विधानसभा चुनाव और कुछ उपचुनावों के लिए करीब 470 पर्यवेक्षकों की तैनाती की है. इनमें सामान्य, पुलिस और व्यय पर्यवेक्षक शामिल होंगे. इन पर्यवेक्षकों का प्रशिक्षण और ब्रीफिंग 3 अक्टूबर को होगी. आयोग का मानना है कि सख्त निगरानी और पारदर्शी व्यवस्था से निष्पक्ष चुनाव सुनिश्चित होंगे.
विशेष पुनरीक्षण अभियान को लेकर विपक्षी दलों और चुनाव आयोग के बीच विवाद भी सामने आया. कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने इस प्रक्रिया को 'वोट चोरी' करार दिया था. विपक्ष का आरोप था कि लाखों असली मतदाताओं को सूची से बाहर किया जा सकता है. हालांकि, आयोग ने साफ किया कि किसी भी योग्य मतदाता को वंचित नहीं किया जाएगा और सभी पात्र नागरिकों का नाम सूची में शामिल होगा.
गौरतलब है कि बिहार में मौजूदा विधानसभा का कार्यकाल 22 नवंबर को समाप्त हो रहा है. ऐसे में आयोग के पास सीमित समय है. पिछले चुनाव में 243 सीटों में से एनडीए को 125 और विपक्षी गठबंधन को 110 सीटें मिली थीं. इस बार एक बार फिर बिहार की सियासत में बड़ा संग्राम देखने को मिलेगा.