World Cup 2023: ग्लेन मैक्सवेल ने मंगलवार को 128 गेंदों में नाबाद 201 रन बनाकर क्रिकेट विश्व कप की सबसे अद्भुत पारियों में से एक खेली, जिससे ऑस्ट्रेलिया ने अफगानिस्तान को 19 गेंदें शेष रहते और सेमीफाइनल में पहुंचा दिया. इसके साथ ही मैक्सवेल ने अपनी सबसे बड़ी वनडे पारी को अंजाम दिया. पीठ में ऐंठन थी, क्रैम्प ने तंग किया हुआ था और गर्मी बहुत थी.
मैक्सवेल विकेटों के बीच दौड़ नहीं सके थे. उन्होंने बिना पैर हिलाए गेंद को बाउंड्री के पार भेजा और 21 चौके और 10 छक्के लगाए, आखिरी छक्का मैच की अंतिम गेंद पर आया. इसके चलते ऑस्ट्रेलिया के 91-7 पर सिमटने के बाद ऑलराउंडर ने टीम की नैया पार लगाई.
अब ऑस्ट्रेलिया भारत और दक्षिण अफ्रीका के साथ अंतिम चार में शामिल हो गया और अफगानिस्तान की सेमीफाइनल में पहुंचने की संभावना पर पानी फेर दिया. इसी बीच भारत के पूर्व खिलाड़ी रवि शास्त्री ने ग्लेन मैक्सवेल की तुलना कपिल देव से की. उन्होंने सोशल मीडिया पर लिखा, " मैं हैरान हूं...ये 83 के कपिल की याद दिलाता है."
कपिल देव ने उस समय ऐसी पारी खेली थी जिसकी मिसाल आज भी कायम है. इसे वर्ल्ड कप में अब तक की सबसे महान पारी के तौर पर गिना जाता है. अब मैक्सवेल के शो के बाद कहा जा रहा है कि कपिल के 175 रनों को नंबर दो पर आ जाना चाहिए.
एक पारी में 138 गेंदों पर नॉट आउट 175 रन बनाना अपने आप में शानदार है, खासकर उस दौर में जब इतनी तेजी से रन बनाना दुर्लभ था. यह उस समय रिकॉर्ड वनडे स्कोर था. लेकिन यह परिस्थितियां ही हैं जो इसे सबसे खास बनाती हैं. देखते ही देखते उस मैच में भारत ने सुनील गावस्कर, क्रिस श्रीकांत, अमरनाथ और संदीप पाटिल के विकेट गंवा दिए.
कपिल के आने तक 9 रनों के स्कोर पर 4 विकेट जा चुके थे. चंद रनों के अंतराल पर यशपाल भी जल्द ही आउट हो गए. ऐसे में कपिल रोजर बिन्नी के साथ 60 रनों की साझेदारी की लेकिन फिर रवि शास्त्री तुरंत आउट हो गए. अब तक भारत के 7 विकेट 78 रनों पर गिर गए थे. लेकिन ने फिर मदन लाल के साथ 62 रनों की 8वीं विकेट की साझेदारी की.
एक बार नींव रखी जाने के बाद, सैयद किरमानी जब आए तब स्कोर 140/8 हो चुका था. यहां किरमानी ने कप्तान का खूब साथ दिया. फिर कपिल ने गेंद को मैदान के हर हिस्से में मारा. उन्हें शतक बनाने में सिर्फ 72 गेंदों का समय लगा. ये एक ऐसी पिच थी जो शीर्ष क्रम के लिए बहुत चुनौतीपूर्ण साबित हुई थी. कपिल के प्रयास ने भारत को अपने 60 ओवर में 266/8 तक पहुंचा दिया.
कपिल ने अपनी पारी में 16 चौके और 6 छक्के लगाए. यह एक ऐसी पारी थी जिसने भारत को मैच में बनाए रखा, और बाद में टूर्नामेंट में. इस एक पारी का भारत में क्रिकेट पर गहरा प्रभाव था जिसे मापा नहीं जा सकता. अब मैक्सवेल ने भी कुछ ऐसा ही किया है. हालांकि कपिल के समय में ऐसा करना दुर्लभ से भी दुर्लभ था लेकिन आज के जमाने में बल्लेबाजों ने ऐसी करिरश्माई पारियों को अंजाम दिया है.