'मुझे गेंद दो और फिर मैं...', हरमनप्रीत कौर ने खोला शेफाली वर्मा से गेंदबाजी कराने का राज
साउथ अफ्रीका के खिलाफ विमेंस वर्ल्ड कप 2025 के फाइनल मैच में टीम इंडिया की युवा खिलाड़ी शेफाली वर्मा ने कमाल कर दिया. अब उनको लेकर हरमनप्रीत कौर ने बड़ा खुलासा किया है.
नवी मुंबई: महिला विश्व कप के फाइनल में भारत ने दक्षिण अफ्रीका को हराकर पहली बार खिताब जीता. इस जीत की हीरो रहीं शेफाली वर्मा. पहले बल्लेबाजी से 87 रन बनाए, फिर गेंदबाजी से दो अहम विकेट लिए. कप्तान हरमनप्रीत कौर ने बताया कि शेफाली को गेंद सौंपना उनकी सोची-समझी रणनीति थी.
शेफाली वर्मा को शुरू में विश्व कप की 15 सदस्यीय टीम में जगह नहीं मिली थी. हालांकि, प्रतिका रावल की चोट ने उन्हें मौका दिया. सेमीफाइनल से पहले टीम में शामिल हुईं. फाइनल में दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ डॉ. डीवाई पाटिल स्टेडियम में शेफाली ने कमाल दिखाया. 78 गेंदों पर 87 रन ठोके, जिसमें सात चौके और दो छक्के शामिल थे.
साउथ अफ्रीका की टीम की अच्छी बल्लेबाजी
दक्षिण अफ्रीका की शुरुआत खराब रही. तजमिन ब्रिट्स और एनेके बॉश जल्दी आउट हो गए लेकिन कप्तान लॉरा वोल्वार्ड्ट और सुने लूस ने तीसरे विकेट के लिए मजबूत साझेदारी की.
दीप्ति शर्मा, श्री चरणी और रेणुका ठाकुर सिंह जैसी मुख्य गेंदबाजों को उन्होंने आसानी से खेला. मैच भारत के हाथ से फिसलता नजर आ रहा था. स्कोर धीरे-धीरे बढ़ रहा था और दबाव बढ़ता जा रहा था.
हरमनप्रीत कौर का मास्टरस्ट्रोक
21वें ओवर में हरमनप्रीत ने चौंकाने वाला फैसला लिया. शेफाली को गेंद सौंपी. शेफाली ने दूसरी ही गेंद पर सुने लूस को आउट कर दिया. अगले ओवर में मरिजाने कैप का विकेट लिया. दक्षिण अफ्रीका की रीढ़ टूट गई. इन दो विकेटों ने मैच का रुख पलट दिया. शेफाली की स्पिन ने बल्लेबाजों को परेशान कर दिया
हरमनप्रीत कौर ने खोला राज
मेल जोन्स से बातचीत में हरमनप्रीत ने कहा, "लॉरा और सुने अच्छा खेल रही थीं. तभी मैंने शेफाली को खड़े देखा. आज उसका दिन था. वह कुछ खास कर रही थी. मैंने दिल की सुनी. सोचा, कम से कम एक ओवर तो दूंगी. मैंने शेफाली से पूछा, एक ओवर कर सकती हो? वह तुरंत तैयार हो गई. वह हमेशा टीम के लिए गेंदबाजी करना चाहती है. यही टर्निंग पॉइंट था."
शेफाली वर्मा की तैयारी
हरमनप्रीत ने खुलासा किया कि शेफाली से गेंदबाजी की बात सेमीफाइनल से पहले हुई. ऑस्ट्रेलिया मैच से पहले टीम में आईं शेफाली से कहा गया कि दो-तीन ओवर डालने पड़ सकते हैं.
शेफाली ने जवाब दिया, "गेंद दो, मैं 10 ओवर डालूंगी." उनकी यह आत्मविश्वास भरी बात काम आई. अंतरराष्ट्रीय करियर में फाइनल से पहले सिर्फ 14 ओवर ही डाले थे लेकिन दबाव में कमाल कर दिखाया.