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कौन हैं Randhir Singh, जो बने एशियाई ओलंपिक परिषद के पहले भारतीय अध्यक्ष

Who is Randhir Singh: रणधीर सिंह पंजाब से आते हैं. उनका जन्म पटियाला के शाही परिवार में 18 अक्टूबर 1946 को हुआ था. अब उन्हें एशियाई ओलंपिक परिषद (ओसीए) का अध्यक्ष चुना गया है. जानिए उनके बारे में...

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Who is Randhir Singh
Courtesy: Twitter

Who is Randhir Singh: अनुभवी खेल प्रशासक रणधीर सिंह इस वक्त चर्चा में हैं. रविवार को एशियाई संस्था की 44वीं आम सभा में उन्हें एशियाई ओलंपिक परिषद (ओसीए) का अध्यक्ष चुना गया है. वो पहले भारतीय हैं, जो ओसीए के अध्यक्ष बने हैं. पूर्व भारतीय निशानेबाज रणधीर सिंह को खेल मंत्री मनसुख मांडविया ने एशिया के सभी 45 देशों के शीर्ष अधिकारियों की मौजूदगी में उनके अध्यक्ष बनाए जाने का ऐलान किया.

77 साल के कुशल खेल प्रशासक 2021 से ओसीए के कार्यवाहक अध्यक्ष थे. अब उन्होंने कुवैत के शेख अहमद अल-फहद अल-सबा की जगह ली है, जिन पर नैतिकता के उल्लंघन के कारण इस साल मई में खेल प्रशासन से 15 साल का प्रतिबंध लगा दिया गया था.

कौन हैं रणधीर सिंह

पूर्व भारतीय निशानेबाज रणधीर सिंह भारतीय खेल जगत का बड़ा नाम हैं. वो एशियाई खेलों में तीनों मेडल जीत चुके हैं. चार एशियाई खेलों में भाग लेने वाले रणधीर ने 1978 में ट्रैप निशानेबाजी में गोल्ड, 1982 में ब्रॉन्ज और 1986 में सिल्वर अपने नाम किया था. रमधीर सिंह ने कनाडा के एडमोंटन में 1978 के राष्ट्रमंडल खेलों में भी हिस्सा लिया था.

खेल प्रशासन में लंबा अनुभव रहा

निशानेबाजी में छाप छोड़ने के बाद उन्होंने संन्यास लिया और फिर खेल प्रशासन में डेब्यू किया. वो आज भारत के बड़े खेल प्रशासक के तौर पर अपनी पहचान स्थापित कर चुके हैं. रणधीर को 1987 में भारतीय ओलंपिक संघ (IOA) का महासचिव बनाया गया था. वो इस पद पर 2012 तक रहे.

स्पोर्ट्स अथॉरिटी ऑफ इंडिया से जुड़े रहे

रणधीर सिंह को 1987 में स्पोर्ट्स अथॉरिटी ऑफ इंडिया का सदस्य भी बनाया गया था, वो इस पद पर 2010 तक रहे. खास बाते ये है कि रणधीर 2010 के दिल्ली राष्ट्रमंडल खेलों के लिए आयोजन समिति के उपाध्यक्ष भी थे.



ओलंपिक काउंसिल ऑफ एशिया के सचिव रहे

साल 1991 में रणधीर को ओलंपिक काउंसिल ऑफ एशिया (OCA) का महासचिव बनाया गया था. वे 2015 तक इस पद पर रहे. रणधीर 2001 से 2014 के बीच IOC के सदस्य भी रहे.

1979 में अर्जुन पुरस्कार जीत चुके हैं

शूटिंग में उनकी उपलब्धियों के लिए उन्हें 1979 में अर्जुन पुरस्कार मिल चुका है. इस दिग्गज ने एक सफल स्पोर्ट्स शूटर के तौर पर 1994 में रिटायरमेंट लिया था

पिता और चाचा क्रिकेटर रहे हैं

रणधीर सिंह के परिवार से कई खिलाड़ियों ने देश के लिए रिप्रेजेंट किया है. रणधीर के चाचा महाराजा यादविंद्र सिंह ने भारत के लिए टेस्ट क्रिकेट खेला और IOC के सदस्य थे. उनके पिता भलिंद्र सिंह भी फर्स्ट क्लास क्रिकेटर थे और 1947 से 1992 के बीच IOC के सदस्य थे.